तुलसी से बरगद तक, इन पेड़ों पर कलावा बांधना होता है शुभ, घर आती है लक्ष्मी, खत्म होता है शनि दोष
ज्योतिष शास्त्र में सभी समस्याओं का समाधान बताया गया है। आज हम आपको पेड़ों पर कलावा बांधकर समस्या से निजात पाना सिखाएंगे। वैसे तो हिंदू धर्म में अक्सर पेड़ों पर कलावा बांधा जाता है। लेकिन कुछ खास पौधों में कलावा बांधने से लाइफ में चल रही बहुत सी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है। इससे आप राहु-शनि दोष दूर कर सकते हैं। मां लक्ष्मी की कृपा तक हासिल कर सकते हैं।
तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में काफी मायने रखता है। ऐसा कहा जाता है कि इस पौधे में धन की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए लोग इसे घर में रखते हैं और इसकी पूजा पाठ करते हैं। यदि आप इस पर एक छोटा सा कलावा बांध दें तो लक्ष्मीजी प्रसन्न होती है। फिर आपको धन से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं होती है। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
केले का पेड़
हिंदू धर्म में केले के पेड़ की भी पूजा होती है। सुहागन महिलाओं को गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा कर उसक पर कलावा बांधना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं। इससे आपका सुहाग सदा सही सलामत रहता है। आपके शादीशुदा जीवन में खुशहाली आती है। वहीं गुरुवार को कलावा बांधने से बृहस्पति देव का आशीर्वाद भी मिलता है।
शमी का पौधा
शमी के पौधे को घर में लगाने से भोलेनाथ और शनि देव की कृपा मिलती है। यदि आप इस पौधे पर कलावा बांध दे तो ये दोनों देवता खुश होते हैं। शिवजी आपको मुसीबतों से बचाते हैं। वहीं शनिदेव खुश होकर आपकी कुंडली से राहु या शनि दोष का प्रभाव कम कर देते हैं। इससे बुरा समय टल जाता है।
पीपल का पेड़
पीपल को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। कई पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल होता है। कहते हैं इसमें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) रहते हैं। इस पेड़ की पूजा मंगलवार और शुक्रवार के दिन करना चाहिए। इसी दिन इस पर कलावा बांधना चाहिए। इससे आपके जीवन में पॉजिटिविटी आती है। दुख समाप्त होते हैं। सुख की एंट्री होती है।
बरगद का पेड़
हमारे शास्त्रों में बरगद के पेड़ की पूजा को भी महत्वपूर्ण बताया गया है। महिलाएं वट सावित्री व्रत के दिन इस पेड़ की पूजा करती हैं। कहा जाता है कि यदि सुहागन महिलाएं पूजा के बाद इस पर कलावा बांध दें तो उनका सुहाग सुरक्षित रहता है। इससे अकाल मृत्यु का खतरा तक टल जाता है। जीवन में खुशियां आती है।