आशुतोष राणा ने की महाकाल की पूजा-अर्चना, ॐ नमः शिवाय का किया जाप, कहा- तुम बैठे वीराने में…’
हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा बाबा महाकालेश्वर के दर पर पहुंचे. भगवान शिव के दर्शन करने के बाद आशुतोष राणा भावुक हो गए. अभिनेता बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. इस दौरान उन्होंने महाकाल मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए.
आशुतोष राणा हाल ही में उज्जैन पहुंचे थे. यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मंत्री डॉ मोहन यादव और अन्य कलाकार भी शामिल हुए. 11 जनवरी को हास्य दिवस के मौके पर उज्जैन में ठहाका सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जहां अपनी मौजूदगी से आशुतोष ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए.
उज्जैन में बुधवार रात को कड़ाके की ठंड के बीच ठहाका सम्मेलन आयोजित किया गया था. आशुतोष के अलावा इस कार्यक्रम में कॉमेडियन जयविजय सचान व अभिनेत्री स्वर्णा मुदगल और अन्य कलाकार भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम में लोगों से अभिनेता ने कहा कि, उज्जैन वालों और मेरा शिव शक्ति व संकल्प का रिश्ता है, क्योंकि सप्ताह भर में उज्जैन वासियों ने सवा करोड़ शिवलिंग को कुम्भ के दौरान निर्माण किया था. इस नगरी में भूत, भविष्य वर्तमान एक ही जगह काल के रूप में विराजमान है जो अद्भुत है.
अभिनेता ने आगे कहा कि, यह नगरी श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली भी है. दो तरह का हंसना होता है एक मंद मंद मुस्कान और एक जोर से हंसना तो मंद मंद वह लोग मुस्काते हैं जो दिल की बातों को जानते हैं समझते हैं वह जोर-जोर से वह ठहाके लगाते हैं जो ऊपरी बातों को जानते हैं उसका आनंद लेते हैं श्री कृष्ण की भी ऐसी ही लीला थी वह मंद मंद मुस्काते थे क्योंकि वह दिल की बात जानते थे.
उज्जैन में आशुतोष ने बाबा महाकल के दर्शन भी किए. उन्होंने शिवलिंग की पूजा अर्चना की और नंदी हॉल में ॐ नमः शिवाय का जाप भी किया. उन्होंने बाबा के दरबार में माथा टेकने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि, भोलेनाथ कोड़ी नहीं तुम्हारे खजाने में तीन लोक बस्ती में बसाई स्वयं बसे वीराने में.
अभिनेता ने जानकारी देते हुए कहा कि वे दो साल बाद बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आए है. कोरोना के कारण वे नहीं आ सके थे. उन्होंने बताया कि, अब इस बार मौका मिलने पर नए साल की शुरुआत बाबा महाकाल के दर्शन और आशीर्वाद से. बाबा के दरबार में आकर लगता है सब कुछ अद्भुत है. इस दौरान आशुतोष राणा थोड़े भावुक हो गए थे. बाबा महाकाल के दरबार में आशुतोष राणा करीब आधे घंटे तक रहे.