जानिए कब से शुरू है आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि और किस विधि से करें पूजा
जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हिंदू धर्म में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है, माता रानी की पूजा का विशेष दिन नवरात्रि होता है, साल में नवरात्रि चार बार मनाई जाती है, इनमें से पहली नवरात्रि माघ महीने में, दूसरी नवरात्रि चैत्र महीने में, तीसरी नवरात्रि आषाढ़ महीने में मनाई जाती है और आखिरी नवरात्रि यानी की चौथी नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है जो कि अश्विन माह में मनाया जाता है, आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के ठीक अगले दिन 22 जून 2020 से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का आरंभ हो जायेगा, इस दौरान साधक गुप्त विद्याओं के साथ गोपनीय शक्तियों का आवाहन करके उनकी प्राप्ति करते है, यह नवरात्रि तंत्र मंत्र की साधना करने वाले लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है।
आषाढ़ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि 22 जून 2020 से शुरू होगी और यह 30 जून को समाप्त हो जाएगी, माता रानी के इन 9 दिनों में देवी मां के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा उपासना होती है, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 जून को घटस्थापना होगी, इस समय के दौरान तंत्र विद्या सीखने वाले लोग माता की पूजा अर्चना करके अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करेंगे।
गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि | Gupt Navratri Puja Vidhi
- आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के पहले दिन दुर्गा माता की पूजा शुरू करने से पहले कलश स्थापना की जाती है।
- जब आप कलश स्थापना कर रहे हो तो उसके उपरांत माता दुर्गा जी की प्रतिमा या तस्वीर को लाल रंग के पाटे पर रखें और उनकी बाएं तरफ गौरी पुत्र श्री गणेश जी का चित्र या इनकी प्रतिमा स्थापित कीजिए।
- आप कलश के ऊपर एक कटोरी रखे हैं और उस कटोरी में जौ या कच्चे चावल रखिए, इसके बीच में आप एक लाल कपड़े में लिपटा हुआ नारियल अपने मस्तक से लगाकर प्रणाम करते हुए कलश पर रख दीजिए।
- अगर आप अखंड ज्योत जला रहे हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि यह पूरे 9 दिनों तक जलती रहे।
- आप माता रानी की पूजा के दौरान अपने सामर्थ्य के अनुसार पूजा सामग्री ला सकते हैं और प्रेम भाव के साथ माता रानी की पूजा कीजिए।
- माता रानी को आप श्रृंगार की सामग्री सहित, नारियल और चुनरी जरूर अर्पित कीजिए, सुबह और शाम आप अपने परिवार के साथ माता रानी की आरती करें।
गुप्त नवरात्रि में करें यह काम
- अगर आप गुप्त नवरात्रि के दिनों में माता रानी की पूजा कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि 9 दिनों तक ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन अवश्य कीजिए।
- नवरात्रि के 9 दिनों तक आप सात्विक भोजन का सेवन करें, इन दिनों में आपको तामसी भोजन का त्याग करना होगा।
- नवरात्रि की पूजा करने वाले लोगों को कुश की चटाई पर सोना चाहिए।
- आप माता रानी के नवरात्रे में निर्जला अथवा फलाहार उपवास रखिए।
- आप रोजाना नियमित रूप से माता रानी की पूजा उपासना अवश्य करें।
- अगर आप भोजन बना रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि भोजन में लहसुन, प्याज जैसी सामग्री का इस्तेमाल मत कीजिए।
- नवरात्रि के दिनों में आप अपने माता पिता की सेवा और आदर सत्कार अवश्य कीजिए, इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।