अध्यात्म

मां अंजनी ने हनुमानजी को इस जगह दिया था जन्म, यहाँ माता अंजनी की गोद में बैठे हुए हैं हनुमान

महाबली हनुमान जी को कलयुग में सबसे शक्तिशाली देवता माना जाता है, और इनको राम जी का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है, यह अजर अमर माने गए हैं, इनका नाम सप्त चिरंजीवीओं में शामिल है, ऐसा बताया जाता है कि इनकी कृपा से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं, और यह अपने भक्तों की पुकार सबसे शीघ्र सुनते हैं, जो भक्त अपने सच्चे मन से इनका स्मरण करता है उसकी सहायता के लिए यह अवश्य आते हैं, वैसे देखा जाए तो हमारे देश भर में महाबली हनुमान जी से संबंधित बहुत से मंदिर और स्थान है परंतु आज हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में जानकारी बताने वाले हैं जिसकी मान्यता अनुसार इस स्थान पर माता अंजनी ने महाबली हनुमान जी को जन्म दिया था, महाबली हनुमान जी के जन्म का इतिहास झारखंड के गुमला जिले के उत्तरी क्षेत्र में स्थित अंजन ग्राम से जुड़ा हुआ है, माता अंजनी के नाम से ही इस गांव का नाम आंजन पड़ा है, देश का यह एक ऐसा पहला मंदिर है जहां पर महाबली हनुमान जी बाल रूप में माता अंजनी के गोद में बैठे हुए नजर आते हैं।

यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा बताना है कि महाबली हनुमान जी का जन्म गुमला जिले के आंजन धाम में स्थित पहाड़ी की गुफा में हुआ था, करीब 21 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच आंजन धाम गुमला शहर है, जहां पर माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया था, इस स्थान के बारे में ऐसा बताया जाता है कि कलयुग में यहां का दरवाजा अपने आप बंद हो गया था, मान्यता अनुसार माता अंजनी जी ने स्वयं ही इस दरवाजे को बंद कर लिया था, ऐसा बताया जाता है कि एक बार यहां के आदिवासियों ने मां अंजनी को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि दी थी परंतु यहां के लोगों की बलि से माता नाराज हो गई थी, जिसकी वजह से उन्होंने गुफा का दरवाजा बंद कर दिया था, वर्तमान समय में भी यह गुफा आंजन धाम में स्थित है।

श्रद्धालुओं ने मिलकर आंजन धाम में साल 1953 में यहां पर अंजनी मंदिर की स्थापना करवाई थी, इस धाम से जुड़ी हुई एक कथा के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि गुमला जिले के पालकोट प्रखंड में बली और सुग्रीव का राज्य था, इसी स्थान पर पंपापुर सरोवर भी मौजूद है, इस सरोवर में भगवान श्री राम जी और उनके भाई लक्ष्मण जी ने रुककर स्नान किया था।

यहां की पहाड़ियों में एक गुफा है जिसका संबंध रामायण काल से बताया जाता है, मान्यता अनुसार मां अंजनी यहां रोजाना भगवान शिवजी की पूजा करती थी यहां पर 360 शिवलिंग स्थित है और अनेक तलाब है जहां पर मां अंजनी स्नान किया करती थी, अन्य कथाओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि ऋषियों की तपोस्थली भी यहां पर है, यहां पर माता आंजन मंदिर बना हुआ है, मंदिर के नीचे अत्यंत प्राचीन गुफा है, जिसको सर्प गुफा भी कहा जाता है, वैसे देश में ऐसे बहुत से तीर्थ स्थल है जहां पर हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है परंतु यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर बाल हनुमान जी की पूजा होती है।

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