सोशल मीडिया में अपने खिलाफ अभियान चलते देख तिलमिलाए जस्टिस पारदीवाला, कहा – इन पर लगाम लगे
नूपुर पर टिप्पणी करने के बाद जस्टिस पारदीवाला को लोगों ने घेरा- जानिए जस्टिस पारदीवाला का कांग्रेस कनेक्शन
भारतीय जनता पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित की गई पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा लगातार चर्चाओं में चल रही है. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एक डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने यह टिप्पी भगवान शिव और शिवलिंग का मजाक उड़ाए जाने के जवाब में की थी.
नूपुर की टिपणी पर मुस्लिमों ने उनका जोर शिर से विरोध किया था. न केवल भारत में इसका विरोध हुआ बल्कि कई मुस्लिम देशों ने भी इस पर आपत्ति जताई थी लेकिन नूपुर के इस बयान पर उन्हें समर्थन भी खूब मिला था. वैसे विरोध बढ़ने के आबाद यह मामला सर्वोच्च न्यायलय में भी पहुंचा था.
मोहम्मद पर विवादित बयान देने के बाद जब विवाद बढ़ा तो नूपुर ने सोशल मीडिया के माध्यम से माफी मांग ली थी और उन्होंने एक पोस्ट साझा कर अपना बयान वापस ले लिया था लेकिन विवाद फिर भी जारी रहा और अब तक चल रहा है. इसी बीच हाल ही में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर पर टिप्पणी की है.
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर पर टिप्पणी करते हुए उन्हें जमकर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट के जजों ने नूपुर शर्मा के मोहम्मद पर दिए गए बयान के मामले में काफी तीखी और तल्ख टिप्पणी की थी. अदालत ने कहा था कि नूपुर ने माफी मांगने में बहुत देर कर दी थी. इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने नूपुर को उदयपुर में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के लिए भी सीधे सीधे जिम्मेदार ठहरा दिया. जबकि उदयपुर में हत्या को अंजाम गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज ने दिया था.
इस मामले में सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा था कि नूपुर शर्मा टिप्पणी की वजह से देश भर में लोगों की भावनाएं भड़की हैं. हालांकि नूपुर पर की गई टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत को लोगों ने खूब खरी खोटी सुनाई. उन्हें जमकर ट्रोल किया गया है.
नूपुर शर्मा को जिम्मेदार बताने वाले जज का ‘कांग्रेस कनेक्शन’
जस्टिस जेबी पारदीवाला के पिता बुर्जोर कावासजी पारदीवाला 1989 से मार्च से लेकर 1990 तक 7वीं गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष भी रहे.
बुर्जोर जी पारदीवाला एक कांग्रेस विधायक थे. उन्होंने मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी और अमरसिंह चौधरी के कार्यकाल के दौरान सातवीं गुजरात विधानसभा (1989-1990) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.’
सुप्रीम कोर्ट के जज पारदीवाला पर सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब भड़ास निकाली. कई लोग इस बात को हजम नहीं कर पा रहे है कि आखिर उदयपुर में हत्या मुस्लिम हत्यारों गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज ने की तो उसके लिए नूपुर को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
नूपुर को फटकार लगाने वाले जस्टिस पारदीवाला को अब लोगों ने जमकर फटकार लगा दी है. इसे लेकर पारदीवाला ने कहा है कि निजी हमले करना ठीक नहीं है. उन्होंने सरकार से सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की बात कही है.
एक कार्यक्रम के दौरान पारदीवाला ने कहां कि संविधान के तहत को ध्याना में रखकर कानून के शासन को बनाए रखने के लिए पूरे देश में डिजिटल और सोशल मीडिया को रेगुलेट करने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल अक्सर विशुद्ध कानूनी और संवैधानिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए किया जाता है.