सरकार चली गई लेकिन तेवर नहीं, आदित्य ठाकरे बोले- बागियों जैसी सुरक्षा तो कसाब को भी नहीं मिली
महाराष्ट्र में करीब 10 दिनों तक सियासी घमासान चला था. उद्धव सरकार गिर गई और भाजपा एवं शिवसेना के बागी विधायकों ने मिलकर नई सरकार बना ली है. हालांकि शिवसेना और बागी विधायकों के बीच जुबानी जंग जारी है. दोनों तरफ से एक दूसरे पर लगातार तीखे हमले हो रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे, शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने शिवसेना के बागी विधायकों पर करारा हमला बोला है. सभी को आड़े हाथों लेते हुए आदित्य ने उन्हें मिलने वाली सुरक्षा पर एतराज जताते हुए कहा है कि इतनी भारी सुरक्षा तो आतंकवादी अजमल कसाब को भी नहीं मिली थी.
बता दें कि अजमल कसाब एक खूंखार आतंकवादी था. मुंबई के चर्चित 2008 के 26/11 आतंकी हमले का अजमल कसाब आरोपी था. वो पाकिस्तान का आतंकी था और उसने मुंबई में दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दिया था. उसे ज़िंदा पकड़ा गया था और बाद में उसे फांसी दे दी गई थी.
आदित्य ठाकरे अपनी पार्टी के बागी विधायकों पर खूब बरसे. उन्होंने बागी विधायकों के लग्जरी होटल से विशेष बसों से विधानसभा पहुंचने पर नाराजगी जाहिर करते हुए रविवार को विधानसभा में कहा कि, ”इतनी सुरक्षा तो अजमल कसाब के पास भी नहीं थी. ऐसी सुरक्षा हमने मुंबई में पहले कभी नहीं देखी. तुम डरे क्यों हो? क्या कोई भागने वाला है? इतना डर क्यों?”.
गौरतलब है कि साल 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था. चुनाव में जीत मिली और जब सरकार बनने वाली थी. तब शिवसेना की ओर से शिवसेना और भाजपा दोनों पार्टी के मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई. शिवसेना ने कहा कि ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का सीएम रहेगा लेकिन भाजपा इस पर सहमत नहीं हुई. गठबंधन टूट गया और शिवसेना ने कांग्रेस एवं एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.
ढाई साल के बाद अब शिवसेना की सरकार भी गिर गई. नए मुख्यमंत्री बने है शिवसेना के बागी विधयक और मंत्री एकनाथ शिंदे. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बनाए गए है. आदित्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, ”अगर देवेंद्र फडणवीस ढाई-ढाई साल के लिए सीएम बनने के प्रस्ताव पर सहमत होते तो आज यह स्थिति नहीं होती.
शायद आज भाजपा का सीएम होता. आज आए बागी विधायक (एकनाथ शिंदे गुट) हमसे नजरें नहीं मिला पा रहे थे. आप कब तक एक होटल से दूसरे होटल में जाने वाले हैं? इन विधायकों को एक दिन अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाना होगा. फिर वे लोगों का सामना कैसे करेंगे?”.