बसंत पंचमी और भगवान राम में है खास कनेक्शन, 90% हिंदुओं को नहीं पता होगा इस दिन का रहस्य
भारत में बसंत पंचमी (Basant Panchami 2023) का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष बसंत पंचमी 26 जनवरी, गुरुवार को पड़ रही है। भारत में ऋतुओं को 6 भागों में विभाजित किया गया है। इसमें बसंत ऋतु सबसे अहम मानी जाती है। बसंत को ऋतुओं का राजा भी कहते हैं।
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, कला और संगीत की प्रतीक मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन विद्या की देवी की पूर्ण विधि विधान से पूजा की जाती है। यह दिन बेहद शुभ भी माना जाता है। इस दिन विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार, मुंडन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य करना शुभ रहता है।
बसंत पंचमी और भगवान राम का कनेक्शन
बसंत ऋतु के शुरू होते ही मौसम सुहाना और आसपास का नजारा बड़ा खुशनुमा एवं हराभरा हो जाता है। खेत खलिहानों में रौनक सी आ जाती है। ऐसा लगता है मानो प्रकृति का कण-कण खिल उठा है। सभी जीव जंतु भी उल्लास से भरे दिखाई पड़ते हैं। बसंत पंचमी का एक खास कनेक्शन भगवान राम से भी है।
शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही भगवान राम माता शबरी की कुटिया में पधारे थे। यह उस समय की बात है जब भगवान राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास काट रहे थे। इस दौरान रावण ने सीता का हरण कर लिया था। राम और लक्ष्मण उनकी तलाश कर रहे थे। उन्हें तलाशते हुए वह शबरी की कुटिया में आए थे। यहां शबरी ने राम को अपने जूते बैर खिलाए थे। इस दिन बसंत पंचमी ही थी।
बसंत पंचमी पर करें ये काम
बसंत पंचमी पर उन बच्चों का पाटी पूजन मां सरस्वती के समक्ष कराया जाता है जो स्कूल जाना शुरू करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जिन बच्चों का पाटी पूजन होता है वह बड़े समझदार और ज्ञानी बनते हैं। बसंत पंचमी पर छात्र अपनी कलम मां सरस्वती के सामने रख उसकी पूजा करें। फिर सालभर इस कलम का इस्तेमाल करें। आपको लाभ होगा।
बसंत पंचमी के दिन सुबह उठते से अपनी हथेलियों देखना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इन हथेलियों में मां सरस्वती का वास होता है। यह करने के बाद आप स्नान करें और मां सरस्वती की पूजा पाठ करें। इस दौरान उन्हें सफेद और पीले रंग के फूल चढ़ाएं। यह मां सरस्वती को प्रिय हैं।