प्यार के खातिर मुस्लिम से हिंदू बनी ये लड़की, परिवार के खिलाफ जाकर प्रेमी सोमेश से रचाई शादी
प्यार अगर सच्चा हो तो फिर क्या हिंदू और क्या मुस्लिम… कहा जाता है कि सच्चा प्यार कभी मजहब नहीं देखता.. एक ऐसा ही मामला आया है उत्तर प्रदेश के बदायूं से जहां पर एक मुस्लिम लड़की ने अपने प्यार के खातिर धर्म परिवर्तन कर अपने प्रेमी सोमेश के साथ शादी रचा ली और वह खुद इलमा से सौम्या बन गई। बता दे इलमा नाम की लड़की की यह शादी हर तरफ चर्चा में है। शादी करने के बाद सौम्या ने गांव के प्रधान से जान को खतरा बताया है। ऐसे में उसने प्रशासन से सुरक्षा की मदद भी मांगी है। तो आइए जानते हैं यूपी के इस मामले के बारे में…
घरवालों की मर्जी के खिलाफ की शादी
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बदायूं की रहने वाली इस लड़की का पूरा नाम इलमा खान है जिसने अपने प्रेमी के लिए मुस्लिम धर्म का त्याग कर दिया। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही सुमेश से प्यार करती थी और उसी से शादी करना चाहती थी, उसके ऊपर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया गया।
उसने अपने प्रेमी के खातिर बरेली के अगस्त मुनि आश्रम में धर्म परिवर्तन करवाया और खुद को इलमा से सौम्या बना लिया। वहीं बरेली के अगस्त मुनि आश्रम के आचार्य पंडित केके शंखधार ने इन दोनों का विवाह करवाया है। दोनों की शादी हिंदू रीति रिवाज से पूरी की गई।
बचपन से एक दूसरे को जानते..
शादी के बाद सौम्या ने कहा कि, “सोमेश हमारे घर बचपन से आते थे, पहले दोस्ती हुई, फिर प्यार हो गया फिर शादी हो गई। किसी दबाव में धर्म परिवर्तन नहीं किया है, इस्लाम धर्म में तीन तलाक होता है यह सब मुझे पसंद नहीं है। हिंदू धर्म में शादी करके मैं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रही हूं। हमें गांव के प्रधान से जान का खतरा है क्योंकि उन्होंने कहा है कि जहां भी मिल गए वहीं दोनों को जान से मार देंगे। हम चाहते हैं कि हमें पुलिस सुरक्षा दी जाए।”
युवती पर नहीं किसी तरह का दबाव
वहीं युवक और युवती की शादी करवाने वाले पंडित ने कहा कि, “डेढ़-दो महीने पहले दोनों अपने घर से निकल गए थे और भटक रहे थे, फिर हमारे पास आए। शपथ पत्र देकर और अपने बालिग होने का प्रमाण पत्र दिखाया जिसके बाद मैंने पूछा कि ये शादी और धर्म परिवर्तन किसी दबाव में तो नहीं कर रही या उसे किसी ने डराया धमकाया तो नहीं है।
लड़की ने इन सभी बातों को नकार दिया जिसके बाद हमने उनके विचारों को देखते हुए विवाह संस्कार करा दिया।” पंडित ने बताया कि, वह इससे पहले भी इस तरह की शादियां करवा चुके हैं। उनका मानना है कि, समाज में फैले नफरत के बीच इस तरह के रिश्ते प्यार का सन्देश देते हैं।