“मैं पत्नी के व्रत का कर्ज उतार रहा हूं…” 80 साल के बुजुर्ग की कहानी सुन हो जाएंगे भावुक
पति-पत्नी का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह रिश्ता सात जन्मों का रिश्ता होता है। ऐसी मान्यता है कि पुरुष नारी के बिना अधूरा है। इसलिए शायद पत्नी को अर्धांगिनी का दर्जा दिया गया है। अर्धांगिनी का अर्थ आधा अंग होता है और यह मौजूदा समय में सही भी माना जाता है। पति-पत्नी सुख-दुख दोनों के साथी होते हैं। वैवाहिक जीवन में बहुत सी उतार-चढ़ाव भरी परिस्थितियां आती हैं परंतु पति-पत्नी हर परिस्थिति का साथ मिलकर सामना करते हैं और अपना जीवन खुशहाल बनाए रखने की हर संभव कोशिश करते हैं।
वहीं पति-पत्नी के इस रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए पत्नियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। करवा चौथ का व्रत प्यार और समर्पण से बने इस रिश्ते का साक्षी है। पत्नियां इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसी क्रम में झांसी में एक पति-पत्नी ऐसे भी हैं, जिन्होंने करवा चौथ को सही मायने में आयाम दिया है। जी हां, पत्नी के जीवन के कठिन दौर में पति उसका बखूबी साथ निभा रहा है।
पिछले 6 साल से अपनी पत्नी की कर रहे हैं सेवा
दरअसल, आज हम झांसी की प्रमोद दुबे और सुशीला देवी की इस जोड़ी की बात कर रहे हैं। इन दोनों की शादी के 50 साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। वैवाहिक जीवन के शुरुआती दिनों में सुशीला ने प्रमोद का ख्याल रखा। वहीं अब जब उम्र के इस पड़ाव में सुशीला मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं, तो वह उनकी सेवा कर रहे हैं। प्रमोद रिटायर होने के बाद पारिवारिक कारणों के चलते वृद्धाश्रम आ गए थे। वृद्धाश्रम में रहते हुए अपनी पत्नी की सेवा पिछले 6 साल से वह कर रहे हैं।
नित्य क्रिया से लेकर उनकी चोटी बनाने तक का काम खुद करते हैं
80 वर्षीय प्रमोद के द्वारा ऐसा बताया गया कि कुछ वर्ष पहले ही उनकी पत्नी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई हैं। उन्होंने बताया कि उनका पूरा दिन अपनी पत्नी की सेवा में ही गुजरता है। उनकी नित्य क्रिया से लेकर उनकी चोटी बनाने तक का काम वह खुद अपने हाथों से करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि वह अपनी पत्नी सुशीला को अपने हाथों से खाना भी खिलाते।
प्रमोद समय-समय पर उनको दवाई भी खुद देते हैं। उनके प्यार और समर्पण को देखकर वृद्धाश्रम में रहने वाले अन्य लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। इसके साथ ही इन दोनों का प्यार देखकर लोगों की आंखों से खुशी के आंसू भी निकलने लगते हैं।
पत्नी की सेवा करके उतार रहे हैं व्रत का कर्ज
प्रमोद का ऐसा बताना है कि जब उनकी पत्नी सुशीला ठीक थीं, तो वह करवा चौथ का व्रत किया करती थीं। प्रमोद का ऐसा मानना है कि उनके व्रत की वजह से ही आज वह स्वस्थ हैं और अपने साथ साथ अपनी पत्नी सुशीला का भी पूरा ख्याल रख पा रहे हैं। प्रमोद दुबे का बताना है कि सुशीला की सेवा करके वह उनके व्रत का कर्ज उतार रहे हैं।
प्रमोद डायबिटीज के मरीज हैं इसलिए वह व्रत तो नहीं रख सकते परंतु एक दिन के व्रत से कहीं ज्यादा फलदायी उनकी यह सेवा और प्यार है। आपको बता दें कि जो भी इनकी कहानी सुन रहा है वह बेहद भावुक हो जा रहा है।