ट्रैन जलाओ, सकारी संपत्ति लूटो, आगजनी करो, सरकार आप से कोई जुर्माना नहीं वसूलेगी: पटना HC
बीते महीने बिहार केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का जमकर विरोध हुआ। हालांकि ये विरोध इतना हिंसक था कि प्रदर्शनकारियों ने अनाब सनाब उत्पात मचाया। इतनी तोड़फोड़ कर डाली कि सरकार को अरबों रुपए का नुकसान हो गया। इसके बाद उपद्रवियों से इस नुकसान की भरपाई हेतु जुर्माना वसूलने को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन शुक्रवार (1 जुलाई 2022) को पटना हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। मतलब बिहार में उपद्रवियों ने जो भी सरकारी संपत्ति का नुकसान किया उसे लेकर उनसे कोई भी जुर्माना नहीं वसूला जाएगा।
बिहार में उपद्रवियों से नहीं वसूला जाएगा जुर्माना
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ द्वारा इस याचिका पर सुनवाई की गई थी। प्रदेश के महाधिवक्ता ललित किशोर ने उपद्रवियों से नुकसान बसुलने को लेकर कई तर्क दिए थे। इस याचिका में कहा गया था कि सरकारी अफसरों की लापरवाही के कारण बिहार में कई सौ करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ। ऐसे में इस नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से की जानी चाहिए।
याचिका में उपद्रवियों को रोकने में नाकाम रहे जिम्मेदार अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई और जुर्माने की मांग भी की गई थी। वहीं आंदोलन में हिस्सा लेने वाली सियासी पार्टियों पर जुर्माना लगाने का जिक्र भी था। याचिका में कहा गया कि इस हिंसक विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे और सरकारी संपत्तियों का बड़ा नुकसान तो हुआ ही, लेकिन साथ में आम नागरिक की जान भी खतरे में पड़ गई। याचिका में ये भी दावा किया गया कि सिर्फ दानापुर रेलमंडल में ही 260 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
इन सभी तर्कों को सुनने के बाद पटना उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी। महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट से ये भी कहा कि इस विरोध प्रदर्शन को काबू में करने के लिए सरकार ने पूरी कोशिश की थी। उन्होंने आंदोलन रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए थे। हालांकि सरकार को बदनाम करने की गलत नियत से लोकहित याचिका दायर हुई हाई। बिहार सरकार द्वारा अराजक तत्वों पर एक्शन लिया गया है। उन्होंने सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया था। बस महाधिवक्ता की ये जानकारी लेने के बाद ही कोर्ट ने लोकहित याचिका को खारिज कर दिया।
बिहार में हुआ सबसे अधिक नुकसान
बताते चलें कि देशभर में अग्निपथ योजना के खिलाफ जीतने भी प्रदर्शन हुए उनमें बिहार में सबसे अधिक हंगामा हुआ था। यहां कई ट्रेनों को आग के गोले में तब्दील कर दिया गया था। जैसे समस्तीपुर में प्रदर्शनकारियों ने जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस को जलाया था। वहीं लखीसराय में विक्रमशिला एक्सप्रेस को आग लगाई गई थी। इसके अलावा आरा के कुल्हड़िया में पैसेंजर ट्रेनों को अग्नि के हवाले कर दिया गया था। वहीं बक्सर, बिहिया, आरा, कटिहार, बेगूसराय और बिहटा जैसे कई जिलों में खूब हंगामा हुआ। इस दौरान सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि निजी संपत्तियों का भी भारी नुकसान हुआ।