1 जुलाई से बैन हुआ सिंगल यूज प्लास्टिक, जाने क्या होता है ये? इन 19 चीजों पर लगी है रोक
प्लास्टिक वेस्ट सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। जब हम किसी प्लास्टिक के सामान को फेंकते हैं तो उसे छोटे छोटे कणों में विघटित होने में कई साल लग जाते हैं। जैसे प्लास्टिक की बोतल 70 से 450 साल में नष्ट होती है। वहीं प्लास्टिक बैग को नष्ट होने में 500 से 1000 साल तक लग जाते हैं। इसके अलावा ये प्लास्टिक विघटित होते समय जहरीले रसायन भी छोड़ते हैं। ये रसायन फिर भोजन और पानी के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे कई घातक बीमारियाँ जैसे कैंसर हो जाता है।
1 जुलाई से बैन हुआ सिंगल यूज प्लास्टिक
प्लास्टिक वेस्ट के इन खतरों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह बैन कर दिया है। प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत टोटल 19 चीजों पर बैन लगा है। इसमें थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर जैसी चीजें शामिल है।
इस बैन के बाद देश की कंपनियां स्ट्रॉ से जुड़े प्रोडक्ट भी बाजार में नहीं बेच सकेंगी। हालांकि केंद्र सरकार ने कंपनियों को सलाह दी है कि वे प्लास्टिक की बजाय ऐसी वैकल्पित चीजों का इस्तेमाल करें जो पर्यावरण फ़्रेंडली हो। इससे सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से पर्यावरण दूषित नहीं होगा। अब कुछ लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा होगा कि आखिर ये सिंगल यूज प्लास्टिक क्या बला है? चलिए जानते हैं।
क्या होता है सिंगल यूज प्लास्टिक ?
सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब प्लास्टिक से बने प्रोडक्ट से है जिनका इस्तेमाल हम एक ही बार करते हैं। इसके बाद हम इन्हें फेंक देते हैं। उदाहरण के लिए प्लास्टिक की थैलियां, डिस्पोजल प्लास्टिक, स्ट्रॉ, सोडा वा पानी की बोतलें सिंगल यूज प्लास्टिक की कैटेगरी में आती हैं।
ऐसे करें इनका इस्तेमाल कम
इस सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए हम प्लास्टिक से बनी चीजों की बजाय दूसरी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए प्लास्टिक की थैली की बजाय कपड़ों की थैली का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे न सिर्फ पर्यावरण सुरक्षित रहेगा बल्कि आप अधिक वजन वाला सामान भी उठा सकते हैं।
इसी तरह प्लास्टिक के डिसपोजल की बजाय कागज से बने डिसपोजल का इस्तेमाल किया जा सकता है। अब तो प्लास्टिक की बजाय लकड़ी से बनी चम्मच भी मार्केट में आ चुकी है। ये सभी चीजें आसानी से रिसाइकल भी हो जाती है। इनका उपयोग कर आप पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।
नियम तोड़ने पर मिलेगी सजा
1 जुलाई से यदि किसी दुकान पर प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल होता देखा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें दुकान का ट्रेड लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। फिर से लाइसेंस लेने के लिए जुर्माना भी देना होगा।