मुस्लिमों ने बनाई मोहम्मद की बेटी पर फिल्म, मुस्लिम ही है विरोधी, सरकार बोली- फिल्म चलेगी
एक ओर भारत में भारतीय जनता पार्टी से निलंबित की गई पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर बताये गए सच से घमासान मचा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर ब्रिटेन में पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर बनी एक फिल्म पर विवाद छिड़ गया है. फिल्म के मेकर्स मुस्लिम है. इसके बावजूद मुस्लिम फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं.
ब्रिटेन में हाल ही में मोहम्मद की बेटी फातिमा पर बनी फिल्म ‘द लेडी ऑफ हेवेन’ (The Lady Of Heaven) बनी है. हालांकि कई मुस्लिम इसका विरोध कर रहे हैं और ब्रिटेन में इस फिल्म को बैन करने की मांग उठ रही है. हालांकि फिल्म को बैन करने की मांग ब्रिटेन की सरकार ने खारिज कर दी है.
फिल्म का निर्देशन मलिक श्लिबक ने किया है. उन्होंने कहा है कि, ”यह फिल्म लेडी फातिमा के जीवन, उनके संघर्ष और जिस यात्रा से वह गुजरी हैं उसकी कहानी कहती है. जैसा कि मुझे लगता है कि लेडी फातिमा हमारे इतिहास में सबसे अच्छी शख्सियत हैं, जिनसे हम सीख सकते हैं. हम उनसे सीख सकते हैं कि कैसे चरमपंथ, कट्टरता और भ्रष्टाचार जैसी चीजों से निपटा जाए और हमें लगा कि इस कहानी को दुनिया के सामने कहना बेहद जरूरी है”.
वहीं फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर मलिक ने खुद को मिल रही जान से मारने की धमकी पर कहा कि, इन सबसे मैं डरने वाला नहीं हूं. वहीं फिल्म के निर्माता मौलवी यासर अल-हबीब जो कि शिया समुदाय से है उन पर आरोप है कि उन्होंने सुन्नियों के कुछ शुरुआती प्रमुख श्रद्धेय शख्सियतों को गलत तरीके से फिल्म में दिखाया है.
क्यों हो रहा विरोध ?
सवाल यह है कि आखिर फिल्म का विरोध क्यों हो रहा है. विरोध करने वालों का कहना है कि फिल्म में इस्लाम को नीचा दिखाया जा रहा है. मोहम्मद और उनके परिवार के किसी भी सदस्य पर फिल्म बनाना हमारी भावनाओं को आहत करना है. कई स्थानों पर विरोध करके फ़ातिका की कहानी दिखाने वाली फिल्म ‘द लेडी ऑफ हेवेन’ की स्क्रीनिंग को भी रोका जा रहा है.
विरोध करने पर इमाम को पद से हटाया…
बता दें कि फिल्म का विरोध करने वालों में एक नाम लीड्स स्थित मक्का मस्जिद के मुखिया इमाम कारी मुहम्मद असीम का भी शामिल रहा. लेकिन सरकार ने उस पर कार्रवाई की और उसे ब्रिटेन सरकार में सलाहकार और ‘एंटी मुस्लिम हेट्रेड वर्किंग ग्रुप (मुस्लिम विरोधी घृणा कार्यकारी समूह)’ के अध्यक्ष पद से हटा दिया.
ब्रिटेन सरकार ने कही यह बात…
वहीं एक पत्र जारी करके ब्रिटेन सरकार ने इस मामले पर कहा कि, ”फिल्म के विरोध में चल रहे अभियान से सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ है. इमाम ने इस अभियान को समर्थन देकर फ्री स्पीच के विरुद्ध काम किया है. इसलिए, सांप्रदायिक अमन-चैन कायम करने के सरकार के प्रयासों में उसका कोई रोल न बताते हुए उसे हटा दिया गया है. कई सिनेमाघरों के बाहर जो दृश्य हैं, उन्हें आपने देखा-सुना होगा. इसमें मजहबी नारों के साथ शिया मुसलमानों के साथ घृणा फैलाई जा रही है. इसका हमें विरोध करना चाहिए”.