शादी के दो दिन बाद पत्नी अपने पिता के घर लौट आई और पति ने आत्महत्या कर ली
युवक – युवती आपस में बेहद प्यार करते थे। लेकिन परिवार वालों के राजी न होने की वजह से उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया। लड़का लड़की वालिग होने की वजह से 10 दिन पहले अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया एवं उन्हें शादी करने की अनुमति दी। उनके मन में एक सुनहरी दुनिया बनाने के कई सपने थे। हालांकि, यह सपना पानी की बूंदों में विलीन हो गया।
शादी के दो दिन बाद, लड़की वालों के परिवार ने उसकी बेटी को यह कहते हुए ले गए कि उसकी माँ की तबीयत खराब है। लेकिन उन्होंने लड़की को वापस भेजने के लिए इंकार कर दिया। अंत में पति ने दुखी हो कर जहर पीकर आत्महत्या कर ली। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना ओडिशा के मलकानगिरी जिले में हुई। मृतक की पहचान संजीव हलदार के रूप में हुई है
मलकानगिरी जिले के एमवी-4 गांव में एक बंगाली युवक संजीव पागलों की तरह से काफी समय से एक आदिवासी लड़की को चाहता था और लड़की भी संजीव को चाहने लगी थी, उसे प्यार करने लगी थी. दोनों शादी करना चाहते थे। हालांकि, लड़की के घर वाले शादी के लिए राजी नहीं हुए। 10 दिन पहले कोर्ट की सहायता से संजीव ने शादी कर ली और लड़की को घर ले आया।
संजीव के परिवार ने दुल्हन को स्वीकार किया। दोनों खुशी-खुशी वक़्त काट रहे थे। हालांकि, शादी के दो दिन बाद लड़की के परिजन संजीव के घर पहुंचे। लड़की की मां की तबियत ख़राब है कह कर लड़की के परिजन लड़की को घर ले आये।
अगले दिन बेटा दुल्हन को लेने अपने घर गया। हालांकि, उन्होंने दुल्हन को नहीं छोड़ा। दो-तीन बार मिलने के बाद भी उसके परिवार ने बहू को नहीं छोड़ा। अंत में संजीव के परिवार ने कुछ लोगों की सहायता से लड़की वालों से समझौता करने की कोशिश की। लड़की वालों ने कहा की हमारे आदिवासी रिवाज़ के अनुसार आप को जुर्माना देना होगा तभी हम लड़की को यहां से जाने देंगे।
उन्होंने कहा कि लड़की को भेजने के बदले रुपये देना होगा। यह हमारे यहां का रिवाज है। संजीव ने अपने पिता से बात की तो पिता ने कहा कि हम बहू खरीदकर नहीं लाएंगे। संजीव के पास भी रुपये नहीं थे, इसके चलते वह तनाव में घिर गया।
तनाव के चलते संजीव ने शनिवार को जहर पी लिया। परिजन उसे मलकानगिरी अस्पताल ले गए। रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके भाई का आरोप है कि संजीव ने अपने ससुर द्वारा किए गए अत्याचारों के कारण आत्महत्या कर ली।