नींद में चलने की बीमारी जिसे होती है लोग उसपर बहुत हस्ते है मज़ाक बनाते है लेकिन आप इस बात से अनजान है की जिन लोगो को नींद में चलने की बीमारी होती है असलियत में वो लोग दुसरो लोगो से ज्यादा मल्टीटैलेंटेड होते है ये हम नहीं कह रहे है ये तो वैज्ञानिको ने किये एक शोध में सामने आया है। नींद में चलने वाले लोगो का दिमाग दुसरो के मुकलबले तेज़ और अलग हटकर काम करता है इनका चलने का हावभाव भी अलग होता है।
कई टास्को पर परखा गया
जब वैज्ञानिक इस चीज़ पर रिसर्च कर रहे थे तब वैज्ञानिको ने दोनों प्रकार के लोगो को एक ख़ास किस्म का टास्क दिया जब नतीजे सामने आये तो वैज्ञानिक हैरान हो गए दोनों को वही काम करने में अलग अलग नतीजे आये। एक टास्क में वैज्ञानिको ने नींद में चलने वाले लोगो को और सामान्यता से नींद लेने वाले लोगो को उलटी गिनती गिनने को कहा तभी नतीजों में सामने आया जो लोग नींद में चलने की बीमारी है उन लोगो को उलटी गिनती करते हुए कोई दिक्कत नहीं आयी जबकि साधारण नींद लेने वाले लोगो को बहुत मुस्किले आयी उलटी गिनती करते हुए चलने में।
और भी बहुत प्रकार के नए नए टास्क दोनों प्रकर के लोगो को लेकर किये गए सभी टास्क में samne यही नतीजा आया की जो लोग नींद में चलते है उनको मुलती टास्क करने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है जबकि नार्मल नींद लेने वाले लोग कुछ मुश्किलों का सामना कर रहे है।
इन्ही सब टास्को के आधार पर वैज्ञानिको ने ये साबित किया है की जो लोग नींद में चलते है उनको मल्टीटास्किंग के कामो में कोई दिक्कत नहीं आती है और उन लोगो का दिमाग बहुत तेज़ चलता है कोई भी कार्य इन्हे करने के लिए दिया जाए तो ये काफी तेज़ी से सोचते है और नार्मल लोगो की तुलना में ज्यादा ही कलानत्मक होते है।