भाईयों ने भरा अनोखा मायरा, बहन को ओढ़ाई नोटों से सजी चुनरी, 51 लाख नकदी और 25 तोला सोना दिया
एक साथ हुई 2 भांजियों की शादी, 4 मामाओं ने दुल्हनों की मां को दिए 51 लाख और 25 तोला सोना, जानें वजह
देश में शादी ब्याह का सीजन चल रहा है और इस समय देश में खूब शादियां हो रही है. कई शादियां ऐसी भी होती है जिनकी चर्चा सोशल मीडिया पर भी होती है. इसका कारण शादी में कुछ ख़ास और अलग होना होता है. किसी शादी की चर्चा बारातियों के डांस, किसी शादी की चर्चा दुल्हन के बर्ताव, किसी शादी की चर्चा दूल्हे के बर्ताव आदि को लेकर होती रहती है.
सोशल मीडिया के इस दौरान में अक्सर शादी के कई फनी वीडियोज भी देखने को मिलते है. कई वीडियोज लड़ाई झगड़े के भी होते है. वहीं शादी की कई तस्वीरें और खबरें भी खूब वायरल होती है हालांकि इस लेख में हम आपको इन सब बातों से अलग हटकर एक शादी के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां भाईयों ने अपनी भांजियों की शादी में अपनी बहन का मायरा सोना, चांदी और लाखों रुपये की नकदी से भरा है.
जिस शादी की हम आपसे चर्चा कर रहे है वो हुई है राजस्थान के नागौर जिले के लाडनूं में. जहां दुल्हन के मामाओं ने उनकी शादी में मायरा 51 लाख रुपये नकद, 25 तोला सोना और एक किलो चांदी के जेवर और अन्य सामान से भरा. इस मायरे की अब हर ओर चर्चा हो रही है.
हाल ही में नागौर के लाडनूं में सीता देवी की दो बेटियों प्रियंका और स्वाति की शादी हुई. दुल्हनों के दिवंगत बड़े मामा की इच्छा थी कि भांजियों की शादी में मायरा बहुत अच्छे से भरा जाए. उसकी इच्छा को उसके चार छोटे भाइयों ने पूरा किया. यह दृश्य देखकर चार भाईयों की बहन (दुहनों की मां) की आंखों में भी खुशी के आंसू आ गए.
चार भाईयों ने अपनी बहन को मायरे के रूप में 51 लाख रुपये नकद, 25 तोला सोना और एक किलो चांदी के जेवर और अन्य चीजें भेंट की. कुल मिलाकर 71 लाख रुपये का मायरा भरा गया है. मायरे की रस्म के दौरान दुल्हनों के मामा थाली में नोट और जेवर भरकर लाए थे.
बहन को ओढ़ाई 500 रुपये के नोटों से सजी चुनरी…
मायरे की रस्म के दौरान चारों भाईयों ने अपनी बहन को 500-500 रुपये के नोटों से सजी चुनरी भी ओढ़ाई. हाल ही में हुई इस शादी में पूरे मायरे की रस्म के दौरान यह चुनरी भी देखने लायक थी. सुखदेव, मगनाराम, जगदीश, जेनाराम और भतीजा सहदेव रेवाड़ बहन के घर मायरा लेकर पहुंचे थे. गाजे बाजे और धूमधाम के साथ सभी भाईयों ने अपने दिवंगत बड़े भाई की इच्छा पूरी करते हुए मायरा भरा.