ललाट पर तिलक लगाने का असली कारण
हमारे हिन्दू धर्म में मान्यता है की मंदिर में जाने पर ललाट पर टिका पर लगना ही है | सिर्फ हनुमान जी के केसरीए टिके को छोड़ कर बाकी सब मंदिरो में लाल टिका लगता है | हम कई बार सोचते है की धर्म की मान्यता अनुसार हम टिका लगाते है लेकिन नहीं इसके एक और वजह भी है जो हमने कभी सोची नहीं है | तिलक हिन्दुओ की शान है और इसे हर हिन्दू को मंदिर पूजा पाठ आदि करने के बाद अवश्य लगाना चाहिए | तिलक वाले स्थान पर लाल कुमकुम लगना एक बड़ी मान्यता है और इसकी मान्यता का वर्णन शाश्त्रो में भी दर्शाया गया है |
सिर्फ ललाट पर ही तिलक लगाने की एक बड़ी वजह यह है की इंसान का आत्मविश्वास इससे बढ़ता है | न केवल ये लेकिन महान विद्वानों जैसे ज्योतिशो ने भी कहा है की तिलक माथे पर लगाने वाले व्यक्ति का हर कार्य सफल रहता है | तिलक के साथ चावल की पंखुडिओ को लगाने से मनुष्य को वैभव की प्राप्ति होती है | पहले के दशक में लोग तिलक इसलिए भी लगाते थे क्योंकि इससे सारी परेशानियों से रास्ता खुल जाता था और जीवन में सफलता भी प्राप्त होती थी | यही नहीं पुराने काल में राजा जब युद्ध करने जाते थे तो उनको महारानियाँ अंघूठे से तिलक करती थी जिसका नाम विजय तिलक था जिससे हमेशा उनकी विजय हो का उद्देश्य होता था | तिलक करने वाले व्यक्ति को धन की कभी कमी नहीं होती है ऐसा कई बार देख गया है की नित्य धन करने वाला व्यक्ति व्यवहारों से काफी अच्छा होता है और उसे कभी पैसो की कमी नहीं आती है |