11 करोड़ की संपत्ति गरीबों व गौशाला को देकर वैराग्य की राह पर चल पड़ा अमीर व्यापारी, बताई वजह
बड़ी मेहनत से कमाए थे 11 करोड़, सांसारिक जीवन त्याग सब कुछ कर दिया दान, पूरा परिवार लेगा दीक्षा
आजकल हर इंसान पैसा और प्रॉपर्टी की तरफ भागता है। अधिक से अधिक धन दौलात कमाने के लिए दिन-रात मेहनत करता है। जीवन के सभी भोग विलास चाहता है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपार धन होने के बावजूद संतुष्टि नहीं मिलती है। ऐसे में वे अपना सबकुछ त्याग आध्यात्म की रह पर चल पड़ते हैं। अब मध्य प्रदेश के बालाघाट के सराफा कारोबारी राकेश सुराना को ही ले लीजिए।
11 करोड़ की संपत्ति त्याग वैराग्य की रह पर चल पड़ा व्यापारी
37 वर्षीय राकेश सुराना के पास 11 करोड़ रुपए की संपत्ति है। लेकिन वह इसे त्याग संयम पथ पर चलने का मन बना चुके हैं। वे 22 मई को अपनी 36 वर्षीय पत्नी लीना सुराना और बेटे अमय सुराना (11) संग जयपुर में दीक्षा लेंगे। वे सांसारिक जीवन को पूरी तरह त्याग रहे हैं। वे ऐसा गुरु महेंद्र सागर से प्रेरित होकर कर रहे हैं।
राकेश सुराना और उनका परिवार अपनी मेहनत की 11 करोड़ रुपए की कमाई को गोशाला व अन्य धार्मिक संस्थाओं को दान कर रहा है। राकेश सुराना ने मीडिया को बताया कि उनकी पत्नी लीना सुराना ने तो बचपन में ही तय कर लिया था कि वे बड़ी होकर संयम पथ पर चलेंगी। लीना ने अपनी शुरुआती एजुकेशन अमेरिका से की है। वहीं वे बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से भी पढ़ीं हैं।
परिवार के कई लोग ले चुके हैं दीक्षा
राकेश और लीना का बेटा अमय भी अपने माता-पिता से प्रेरित होकर चार साल की उम्र से ही संयम पथ पर जाने की इच्छा जाहीर कर चुका था। हालांकि कम उम्र होने के चलते उसे 7 वर्ष का इंतजार करना पड़ा। वैसे राकेश अपने परिवार में दीक्षा लेने वाले पहले सदस्य नहीं है। इसके पहले 2017 में उनकी मां भी दीक्षा ले चुकी हैं। वहीं राकेश की बहन ने तो 2008 में ही दीक्षा ले ली थी।
बड़ी मेहनत से खड़ा किया था करोड़ों का कारोबार
राकेश सुराना ने करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने के लिए बहुत मेहनत की थी। उन्होंने एक छोटी सी दुकान से ज्वेलरी का बिजनेस स्टार्ट किया था। फिर धीरे धीरे वे सराफा इलाके में जाना पहचाना नाम बन गए। लेकिन अब वे समाज, गरीबों और गौसाला में अपनी जीवनभर की पूंजी दान कर चुके हैं।
बता दें कि इसके अलावा मध्य प्रदेश के ही रतलाम शहर के 10 साल के ईशान कोठारी और दो जुड़वां बहनें तनिष्का और पलक भी 26 मई को दीक्षा लेने वाले हैं। वहीं इनकी बड़ी बहन दीपाली 5 साल पहले ही दीक्षा ले चुकी हैं। अब ये तीनों बच्चे सांसारिक जीवन को त्याग वैराग्य की राह पर निकल पड़े हैं।