इस तरीके से करेंगे शनिदेव की पूजा तो जरूर बरसेगी शनि कृपा, हर दुख दूर करेंगे न्याय के देवता
शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो ग्रहों का प्रभाव बहुत ही प्रबल माना गया है। अगर शनि ग्रह की बात की जाए तो यह ग्रह सबसे प्रभावी ग्रह माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में इसकी स्थिति ठीक नहीं है तो इसकी वजह से जीवन में बहुत से कष्ट और दुख आने लगते हैं। सभी ग्रहों में शनि ग्रह का मनुष्य पर सबसे ज्यादा हानिकारक प्रभाव पड़ता है। शनि देव के नाम से ही लोगों के मन में भय बैठ जाता है। सभी लोग यही चाहते हैं कि उनके ऊपर शनि का बुरा प्रभाव ना पड़े। अगर कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित है तो इसकी वजह से अनेक प्रकार के दुख, विपत्ति उत्पन्न होने लगती है।
शनि देव सूर्य पुत्र हैं जिसकी वजह से यह बेजोड़ शक्तियों के देवता माने गए हैं। शास्त्रों के अनुसार शनि देवता व्यक्ति को कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। अगर आप शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करते हैं तो इससे आप दुख, दरिद्रता, रोग, शोक से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। आज हम आपको शनिवार व्रत की पूजा कैसी शुरू करनी चाहिए और इसकी पूजा विधि क्या है? इसके बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
शनिवार व्रत कब शुरू करें
शास्त्रों के अनुसार देखा जाए तो जो लोग शनिवार का व्रत करना चाहते हैं वह किसी भी शनिवार से शुरू कर सकते हैं। अगर आप श्रावण मास में शनिवार का व्रत शुरु करते हैं तो इसका बहुत विशेष महत्व माना जाता है। अगर आपने शनिवार का व्रत शुरु कर दिया है तो आप 7, 19, 25, 33 या 51 शनिवार व्रत करें, इससे आपके जीवन के सभी कष्ट दूर होंगे।
शनिवार व्रत कैसे करें? जानिए शनि व्रत की पूजा विधि
- अगर आप शनिवार का व्रत कर रहे हैं तो आप इस दिन ब्रह्मा मुहूर्त में उठ जाएँ, इसके बाद आपको किसी नदी या कुएं के जल से स्नान करना होगा। स्नान करने के पश्चात आप पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित कीजिए।
- शनिवार के दिन आप शनिदेव की पूजा के दौरान लोहे से बनी हुई शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं, इसके पश्चात आपको मूर्ति को चावलों से बनाएं 24 दल के कमल पर स्थापित करना होगा।
- शनिवार व्रत करने वाले भक्तों को शनि देव की प्रतिमा की विधि-विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। आप शनि देव के किसी भी मंदिर में जाकर नीले रंग के फूल अर्पित करें, इससे आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा।
- आप शनि देव की मूर्ति की पूजा काले तिल, धुप, दीप, काला वस्त्र और तेल आदि से कीजिए।
- शनिदेव की पूजा के दौरान आप शनि देव के 10 नाम “कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर” का उच्चारण कीजिए, इसके पश्चात पूजा पूरी होने के बाद आप पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे सात परिक्रमा से बांधे।
शनिवार व्रत में यह चीजें खाएं
अगर आप शनिवार का व्रत कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि व्रत के दौरान भोजन सूर्यास्त से 2 घंटे पश्चात करें। शनिवार का व्रत करने वाले भक्तों को एक समय का ही भोजन करना चाहिए। आप भोजन में उड़द के आटे से बनी हुई चीजें। उड़द की दाल की खिचड़ी अथवा दाल खा सकते हैं, इसके साथ ही आप कुछ तला हुआ भोजन या फिर फल में केला खा सकते हैं।