चंद्र ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां, अन्यथा ग्रहण का पड़ेगा बुरा प्रभाव, जाने जरूरी बातें
वर्ष 2020 में साल का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई 2020 यानी आज पड़ने वाला है, आपको बता दें कि यह चंद्रग्रहण उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका समेत यूरोप और अफ्रीका के हिस्सों में देखा जा सकता है, जब पृथ्वी, सूरज और चांद के बीच आ जाती है तब चंद्र ग्रहण लगता है, यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण लगेगा, ऐसा तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चांद के बीच आ जाती है परंतु तीनों एक ही सीधी रेखा में नहीं होते हैं, इस समय के दौरान सूरज की रोशनी रुक जाती है जिसकी वजह से चांद की रोशनी थोड़ी फीकी सी दिखाई पड़ती है।
जानिए चंद्र ग्रहण का समय
अगर हम भारत के समय के अनुसार देखे तो यह चंद्रग्रहण प्रातः काल में 8:37 बजे पर आरंभ हो जाएगा और 11:22 बजे तक चंद्र ग्रहण लगने वाला है, प्रातः काल में 9:59 बजे पर चंद्रग्रहण अपने पूरे प्रभाव में रहेगा, अगर हम चंद्र ग्रहण का समय देखे तो 2 घंटे 45 मिनट तक इसकी अवधि है, आज चंद्रग्रहण के साथ-साथ देश भर में गुरु पूर्णिमा का त्यौहार भी मनाया जाने वाला है।
जानिए चंद्रग्रहण से जुड़ी हुई मान्यताएं
चंद्रग्रहण को लेकर लोगों के मन में तरह-तरह के विचार उत्पन्न होते रहते हैं, बहुत से लोग ऐसे हैं जो चंद्रग्रहण को लेकर थोड़े डरे हुए से रहते हैं, लेकिन आज हम आपको ग्रहण से जुड़ी हुई कुछ मान्यताओं के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
- ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान कोई भी पूजा पाठ या शुभ कार्य से संबंधित काम करना ठीक नहीं होता है, इसलिए आप ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ संबंधित कोई भी शुभ कार्य मत कीजिए क्योंकि यह अशुभ माना गया है, लेकिन आप ग्रहण के दौरान मंत्रों का उच्चारण कर सकते हैं।
- ग्रहण के दौरान खानपान से संबंधित लोगों के मन में तरह-तरह के विचार उत्पन्न होते हैं ऐसा बताया जाता है कि ग्रहण में खाने पीने पर पाबंदी रहती है परंतु आजकल के समय में लोग इस बात पर विश्वास नहीं करते हैं, ग्रहण के दौरान रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करने चाहिए और ना ही कुछ खाना पीना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान अपना खास ख्याल रखना जरूरी है, आप इस समय के दौरान कोई भी कार्य ना करें, गर्भवती महिलाओं को अपनी लंबाई के बराबर एक कुश के आसन पर बैठना और लेटना चाहिए, आप ग्रहण के दौरान सुई में धागा ना डालें।
- जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उसके पश्चात आपको स्नान अवश्य करना चाहिए, नहाने के बाद आप दान दक्षिणा करें।
पौराणिक ग्रंथों में चंद्र ग्रहण का है काफी महत्व
अगर हम पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देखे तो चंद्रग्रहण का बहुत अधिक महत्व माना गया है, ब्रह्मांड में घटित होने वाली इस घटना की वजह से मनुष्य के जीवन से संबंध माना जाता है, शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि चंद्रग्रहण का मनुष्य के जीवन पर अधिक दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है परंतु इस समय के दौरान भगवान की आराधना करना शुभ होता है और कुछ सावधानियां बरतनी बहुत ही जरूरी है, जिसे आप किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव से बच सकें।