जानिए कैसे दी जाती है आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग, करनी पड़ती है हिमालय पर्वत की भी ट्रैकिंग
देश की प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा बनने का सबसे अच्छा तरीका है भारतीय प्रशासनिक सेवा… यह बात सभी लोगों को पता है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में भर्ती होने के लिए हर साल संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा आयोजित करता है. हर साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में दाखिल होने के लिए लाखों की संख्या में उम्मीदवार इन परीक्षाओं को देते हैं.
लेकिन क्या आपको पता है कि देश के मुख्य पदों पर बैठकर प्रशासनिक व्यवस्था संभालने वाले इन अधिकारियों को किस तरह की मुश्किल और कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. देश के उच्च पदों को संभालने के लिए केवल यूपीएससी परीक्षा में पास होना ही काफी नहीं होता बल्कि उसके बाद और भी कठोर ट्रेनिंग का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको आईएएस परीक्षा के कठिन ट्रेनिंग के बारे में बताने जा रहे हैं.
आईएएस अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकारों में बहुत महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी दी जाती है. एक आईएएस अफसर राज्य में मुख्य सचिव और केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव के पोस्ट तक पहुंच सकता है. आईएएस अफसर बनने के लिए कम से कम 21 वर्ष और अधिक से अधिक 32 वर्ष की आयु होना आवश्यक है. इसके अलावा एससी और एसटी के लिए 5 साल और ओबीसी के लिए 3 साल की आयु सीमा की छूट दी गई है. आईएएस बनने के लिए प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, इंटरव्यू यह तीनों महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं. जब यह तीनों महत्वपूर्ण पड़ाव कंप्लीट हो जाते हैं उसके बाद ट्रेनिंग का दौर शुरू होता है. सबसे पहले उम्मीदवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी ले जाया जाता हैं. जहां वरिष्ठ प्रशिक्षक ऑफिसर्स के द्वारा उन्हें ट्रेनिंग प्रदान की जाती है.
ट्रेनिंग के पहले चरण में कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसका कारण होता है नौकरी के दौरान आने वाली तमाम मुश्किलों और अपने कार्यों को करने में सक्षम बनाना. जिला प्रशिक्षण इसी के अंदर आता है. इस ट्रेनिंग में टूर के माध्यम से उम्मीदवारों को भारत दर्शन कराया जाता है. जिससे विद्यार्थी अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को नजदीक से देख सके. इसके अलावा एक हफ्ते का प्रशिक्षण संसदीय अध्ययन ब्यूरो के माध्यम से दिया जाता है. भारत में संसदीय प्रणाली को अच्छे से समझने के लिए यह ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिस को इंडिया के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मुख्य शख्सियतों से भी मिलवाया जाता है. दूसरे चरण में आता है एकेडमिक मॉड्यूल…..
एकेडमिक मॉड्यूल के अंतर्गत नीति निर्माण से लेकर कानून व्यवस्था, कृषि भूमि, प्रबंधन और बुनियादी ढांचा पब्लिक एवं प्राइवेट पार्टनरशिप आदि के विषय में विस्तृत रूप से जानकारी दी जाती है. जो एक ऑफिसर के लिए जानना बहुत जरूरी होता है.
प्रशासन और आईएएस का दृष्टिकोण की जानकारी भी इसी पड़ाव में दी जाती हैं. इसके अलावा सॉफ्ट स्किल्स और परियोजना मूल्यांकन के बारे में भी बताया जाता है. ट्रेनिंग के दौरान हर शाम ट्रेनिंग ले रहे उम्मीदवारों के लिए खेल के साथ-साथ कई सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं. इन गतिविधियों में घुड़सवारी भी शामिल होती है. आउटडोर एक्टिविटी जैसे- एडवेंचर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग, शार्ट टैक्स भी सिखाया जाता है. इसके अलावा ट्रेनिंग ले रहे उम्मीदवारों को हिमालय ट्रैकिंग पर जाने का मौका भी दिया जाता है.