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सालों से महिला के पेट में हो रहा था तेज दर्द, ऑपरेशन में जो निकला उसे देख उड़े डॉक्टरों के होश

आजकल के लोगों की जीवनशैली इतनी खराब हो गयी है कि वह आये दिन तरह-तरह की बीमारियों से घिरे रहते हैं. ऐसे में पथरी की समस्या बहुत आम हो गयी है और बहुत सारे लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. पथरी को अंग्रेजी भाषा में Kidney Stone भी कहते हैं. अगर पथरी छोटी हो तो उसे दवाई के माध्यम से भी निकाला जा सकता है. लेकिन यदि पथरी की समस्या काफी लंबे समय से हो तो उसे ऑपरेशन द्वारा ही दूर किया जाता है. पथरी गुर्दे व मूत्रनलिका की बीमारी है जिसमें गुर्दे के अंदर छोटे-छोटे या बड़े पत्थरों का निर्माण होता है. इस की वजह से कभी-कभी किडनी के आस-पास असहनीय दर्द का भी सामना करना पड़ता है.

ऐसे में आज हम आपको इससे जुड़ा एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला बताने जा रहे हैं जिसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे. ये मामला मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले थांदला तहसील गांव का है. यहां रहने वाली 50 वर्षीय महिला के पेट में काफी दिनों से भयंकर दर्द हो रहा था. इस दर्द को वह काफी दिनों तक तो नजरंदाज़ करती रही लेकिन जब दर्द बर्दाश्त सीमा से बाहर चला गया तो उसे अस्पताल जाना ही पड़ा. महिला मेघनगर के जीवन ज्योति अस्पताल पहुंची जहां के डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया.

जब डॉक्टरों ने महिला की जांच की तो उन्हें पता चला कि महिला के पित्ताशय में एक या दो नहीं बल्कि कुल 140 मल्टीप्ल स्टोन हैं. इतनी सारी पथरी देखकर डॉक्टर्स भी अचंभे में पड़ गए थे. हॉस्पिटल के सर्जन डॉक्टर मारकुस डामोर ने पहले महिला को सोनोग्राफी के लिए भेजा और जब सोनोग्राफी की रिपोर्ट आई तो पता चला कि पित्ताशय यानी गाल ब्लैडर में एक दो नहीं बल्कि 140 स्टोन हैं. इसके बाद तुरंत महिला का ऑपरेशन किया गया और उसकी सारी पथरी निकाली गयी. ऑपरेशन के बाद महिला पूरी तरह स्वस्थ है और खतरे से बाहर बताई जा रही है.

डॉक्टरों के अनुसार उन्होंने पहली बार ऐसा मामला देखा है जहां एक इंसान के अंदर से इतनी सारी पथरियां निकली हैं. उन्होंने कहा कि हमने अपने जीवनकाल में पथरी के कई ऑपरेशन किये हैं लेकिन ऐसा मामला हमारे पास पहली बार आया है. पहली बार उन्होंने किसी के पित्ताशय से 140 पथरियां निकाली हैं. इस पथरी के गुच्छे को ऑल इंडिया प्रेजेंटेशन में भेजा जाएगा.

गाल ब्लैडर की पथरी

गाल ब्लैडर को पित्ताशय कहा जाता है. हमारे लीवर के ठीक साथ पित्ताशय होता है. यह नाशपाती के आकार का थैलीनुमा अंग होता है, जो हमारे लीवर के ठीक नीचे मौजूद होता है. सामान्यतः यह पित्त को इकठ्ठा कर उसे गाढ़ा करने का काम करता है. पित्त एक पाचक रस होता है जो कि लीवर द्वारा बनाया जाता है. वसायुक्त पदार्थों के पाचन में यह मदद करता है. हमारे शरीर को किसी प्रकार का कोई नुकसान न पहुंचे इस बात का ख्याल गाल ब्लैडर रखता है.

लेकिन कुछ वजहों से पित्ताशय में पथरियां बनने लगती हैं. पत्थरों की संख्या सैकड़ों में हो सकती है. ये पत्थर छोटे-बड़े आकार में हो सकते हैं. पित्त की थैली में बार-बार सूजन आने से इन पत्थरों का निर्माण होता है. पथरी की समस्या से छुटकारा तो ऑपरेशन द्वारा पाया जा सकता है लेकिन भविष्य के लिए यह कुछ खतरों को जन्म दे देता है. इससे मनुष्य की पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है तथा वसायुक्त खाद्य पदार्थ से भी उसे दूर रहना पड़ता है.

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