अध्यात्म
प्रातः काल इस विधि से सूर्यदेव को अर्घ्य देने से मिलेंगे ढेरों लाभ, मिलेगी नौकरी में तरक्की
आप सभी लोगों ने गौर किया होगा कि कई लोग सुबह सुबह उठकर स्नान आदि करने के पश्चात सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं, हो सकता है कि आप भी रोजाना सूर्य देवता को जल अर्पित करते हो, सनातन धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही है, सुबह सुबह के समय लोग सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं, ऐसा बताया जाता है कि अगर व्यक्ति प्रातः काल में सूर्य को अर्घ्य देता है तो इससे उसको बहुत से फायदे मिलते हैं, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से सूर्य देवता को अर्घ्य देने से आपको क्या फायदा मिलेगा और किस विधि से सूर्य को अर्घ्य दिया जाए ताकि हमको बेहतर फायदा मिल सके, इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।
चलिए जानते हैं सूर्य देव को अर्घ्य देने के लाभ
- अगर आप रोजाना नियमित रूप से सुबह के वक्त सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं तो इसकी वजह से आपकी आत्मा पूरी तरह से शुद्ध हो जाती है।
- अगर आप सूर्य देवता को सुबह जल अर्पित करते हैं तो इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है।
- जब आप सुबह के समय सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं तो इसकी वजह से आपके शरीर में सूर्य का प्रभाव बढ़ने लगता है और आपकी ऊर्जा में भी बढ़ोतरी होने लगती है, जिसकी वजह से अगर आप कामकाज में अपना मन नहीं लगा पाते हैं या आपका शरीर ढीला-ढाला रहता है तो इससे आपको ऊर्जा मिलेगी।
- अगर हम धार्मिक दृष्टि से देखें तो सुबह के समय सूर्य देव के दर्शन किए जाए तो इससे मन को बेहतर कार्य की प्रेरणा प्राप्त होती है, साथ ही शरीर में फुर्ती बनी रहती है।
- अगर आप रोजाना सुबह सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो इससे आपका भाग्य चमकता है और आपके कार्य बिना किसी बाधा के पूरे हो जाते हैं।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रह व्यक्ति को सम्मान दिलाता है, जो व्यक्ति नियमित रूप से सूर्य देवता को जल अर्पित करता है उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है और उसको लोगों से सहयोग प्राप्त होता है।
चलिए जानते हैं सूर्यदेव को अर्घ्य देने की सही विधि क्या है?
- अगर आप सुबह के समय सूर्य देवता को जल अर्पित करते हैं तो इसका सबसे पहला नियम यह है कि आप सुबह के समय 8:00 बजे से पहले ही अर्घ्य दीजिए, आप स्नान आदि सभी क्रियाओं से निवृत्त होकर ही सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- अगर आप सूर्य देवता को जल अर्पित कर रहे हैं तो आप प्लास्टिक, चांदी, शीशे आदि से बनी हुई धातु के बर्तनों का इस्तेमाल मत कीजिए, आप हमेशा सूर्य को जल अर्पित करने के लिए तांबे के पात्र का ही प्रयोग कीजिए।
- बहुत से लोगों को देखा गया है कि सूर्य को जल अर्पित करते समय वह जल में गुड या फिर चावल मिला देते हैं परंतु यह सही नहीं माना जाता है, इसकी वजह से प्रभाव कम होता है।
- सूर्य को जल अर्पित करते समय आप अपना मुंह पूर्व दिशा की तरफ रखें, अगर किसी कारणवश सूर्य पूर्व दिशा में नजर नहीं आ रहा है तब भी आप उसी तरफ अपना मुंह करके सूर्य को जल अर्पित कीजिए।
- सूर्य को जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है, इसके अलावा आप सूर्य देवता की धूप से पूजा कीजिए।