राधा अष्टमी को कर लें ये कुछ छोटे से उपाय, राधा-कृष्ण होंगे प्रसन्न, हर मुराद होगी पूरी
हिंदू धर्म में त्योहारों को अधिक महत्व दिया जाता है, ऐसे बहुत से त्यौहार है जिनको बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, वैसे देखा जाए तो भगवान पर विश्वास रखने वाले लोगों की कमी नहीं है, लोगों के मन में ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा देखने को मिलती है और सभी लोग देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, हिंदू धर्म में आने वाले त्योहार लोग बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं, इन्हीं त्योहारों में से एक राधा अष्टमी का व्रत है, इस वर्ष राधा अष्टमी व्रत 6 सितंबर 2019 को मनाई जाएगी, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह त्यौहार राधा रानी के अवतार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अगर व्यक्ति को भगवान कृष्ण जी की कृपा प्राप्त करनी है तो इसके लिए राधा जी को प्रसन्न करना बहुत ही जरूरी है, अगर राधा जी की कृपा दृष्टि हो तो भगवान कृष्ण जी की भी कृपा बरसने लगती है, जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं बिना राधा जी की भक्ति के श्री कृष्ण की भक्ति प्राप्त नहीं की जा सकती, जब भी श्री कृष्ण जी का नाम लिया जाता है सबसे पहले राधा का नाम आता है।
ऐसा बताया जाता है कि अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए राधा जी की भक्ति करना शुभ होता है, अगर आपकी भक्ति से राधा जी प्रसन्न हो जाए तो इससे भगवान कृष्ण जी भी प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामना को पूरा करते हैं और आपके जीवन में जो भी दुख हैं वह दूर होते हैं, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से राधा अष्टमी के दिन किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, अगर आप यह उपाय राधा अष्टमी के दिन करते हैं तो इससे आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहेगी।
राधा अष्टमी को कर लें ये कुछ छोटे से उपाय
- अगर आप राधा अष्टमी के दिन अपने घर के पूजा स्थल पर राधा कृष्ण जी की मूर्ति का सिंगार करके भजन-कीर्तन करते हैं तो इससे आपको सुख की प्राप्ति होती है, ऐसा बताया जाता है कि इस दिन समूह में संकीर्तन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राधा अष्टमी के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करना चाहिए परंतु आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि इस पाठ का आपको तभी फल मिल पाएगा जब आप इसके साथ-साथ श्री सूक्त का पाठ करेंगे क्योंकि यह दोनों पूजा मिलकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करती है।
- राधा अष्टमी के दिन गीता का पाठ करना शुभ माना गया है क्योंकि गीता में ज्ञान की बातें बताई गई है जो व्यक्ति का सही मार्गदर्शन करती है, इसके साथ ही भगवान कृष्ण जी की भी कृपा प्राप्त होती है, इसके अलावा अगर आप इस दिन श्री मदभागवत का कुछ श्रवण या वाचन कर ले तो यह बेहतर माना गया है।
- अगर आप राधा अष्टमी वाले दिन दान पुण्य का कार्य करते हैं तो इसको बहुत महत्व दिया गया है, आप अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य कर सकते हैं या भंडारा भी करवा सकते हैं, अगर आप इस उपाय को करते हैं तो इससे आपके कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।