अध्यात्म

रावण से हर किसी व्यक्ति को सीखनी चाहिए ये बातें, जीवन की कई कठिनाइयां हो जाएंगी कम

अगर कहीं भी रामायण की बात चलती है तो सबसे पहले लोगों के दिमाग में भगवान श्री राम और रावण की छवि आती है, रामायण में होने वाले भगवान श्री राम और रावण की लड़ाई का जिक्र अवश्य किया जाता है, जैसा कि आप लोग जानते हैं रावण एक राक्षस था, लेकिन यह राक्षस होने के साथ-साथ बहुत बड़ा ज्ञानी भी था, लेकिन इसको ज्ञान होते हुए भी यह सच्चाई के मार्ग पर नहीं चला था और छल कपट से विजय हासिल करना चाहता था, वैसे देखा जाए तो रावण में कई तरह की बुराइयां देखने को मिलती है लेकिन बुराइयों के साथ-साथ रावण में बहुत सारी अच्छाइयां भी मौजूद थी।

रावण से हम ऐसी बहुत सी ज्ञान की बातें सीख सकते हैं जो हमारे जीवन में बहुत ही महत्व रखती हैं, आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से उन महत्वपूर्ण बातों को बताने वाले हैं जो हर मनुष्य को रावण से सीखनी चाहिए।

रावण से हर किसी व्यक्ति को सीखनी चाहिए ये बातें

  • रामायण काल में रावण ने यह बताया था कि मैंने ब्रह्मा जी से वरदान मांगा था कि मेरा वध वानर और इंसान के हाथों से नहीं होना चाहिए, लेकिन यह सब मेरा वहम था, मैं उन सब लोगों को छोटा समझने लगा था जो कि मेरी सबसे बड़ी भूल हुई थी।
  • रावण ने अपने अंतिम समय में लक्ष्मण को एक बहुत ही अच्छी बात बताई थी, रावण ने लक्ष्मण को बताया था कि किसी भी शुभ कार्य को करने में कभी भी देर नहीं करनी चाहिए, हर मनुष्य को अशुभ के बारे में ज्यादा सोच विचार नहीं करना चाहिए, अशुभ परिस्थिति को जितनी जल्दी टाल सके उतना ही अच्छा होता है।

  • राक्षस रावण ने यह बताया था कि कभी भी अपने शत्रु को कमजोर और छोटा ना समझे, आपका शत्रु समय का फायदा कब उठा ले इसके बारे में आपको भी नहीं पता लग पाता।
  • रावण के विचार ऐसे हो गए थे कि वह अपने आपको सबसे बड़ा ज्ञानी समझ बैठा था और पूरी धरती पर वह अपना राज जमाना चाहता था, रावण ने स्वर्ग में सीढ़ियां लगाने का भी विचार बना रखा था, इस बात से यह पता चलता है कि रावण कितना जुनूनी था, हर व्यक्ति के अंदर किसी कार्य को करने का जुनून अवश्य होना चाहिए, यह बात हमें रावण से सीखनी जरूरी है।

  • आप सभी लोगों में से ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी अवश्य होगी कि रावण को पढ़ने और लिखने का बहुत ही शौक था, रावण ने इसी शौक के कारण शिव जी के ऊपर एक मंत्र भी लिख चुका था, रावण ने बहुत सी पुस्तकें लिखी हुई है, इससे हमें यह पता चलता है कि हर मनुष्य को किताब पढ़ने की रुचि रखनी चाहिए, क्योंकि आप जितनी पुस्तके पढेंगें, उससे आपका ज्ञान उतना ही अधिक बढ़ेगा, पुस्तकों को पढ़ने से व्यक्ति को अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त होती है।
  • रावण की सोच ऐसी हो गई थी कि वह मानने लगा था कि ताकत से दुनिया की हर चीज को हासिल की जा सकती है, रावण शक्ति को ही सब कुछ समझने लगा था, परंतु रावण के इस घमंड को शिव जी ने तोड़ा था, रावण मायावी शक्तियों का स्वामी था, जिन शक्तियों के घमंड को भगवान शिव जी ने तोड़ा था, इससे हमें यह सीख मिलती है कि व्यक्ति को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।

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