पहले दुल्हे ने पहनाई वरमाला, जब दुल्हन की बारी आई तो रुक गए हाथ, बोली नहीं करनी शादी, जाने वजह
जब भी कोई लड़की शादी के बंधन में बंधने जाती हैं तो उसके आने वाले जीवन को लेकर कई तरह के सपने होते हैं. ऐसे में उसे अपने लिए पसंद का वर चुनने की भी पूरी आजादी होनी चाहिए. लेकिन हर लड़की की किस्मत ऐसी नहीं होती हैं, आज भी गाँव में कई ऐसे परिवार हैं जो बेटी की रजामंदी जाने बिना ही उसका रिश्ता तय कर देते हैं. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले की ईसागढ़ तहसील के खिरियादेवत गांव में प्रीति कुशवाह नाम की एक लड़की के साथ हुआ. प्रीति के पिता भगवानलाल कुशवाह ने बेटी की सगाई शिवपुरी जिले के इंदार गांव में एक युवक से की थी. इसके 6 महीने बाद बीते मंगलवार को ही दोनों की शादी होना थी.
ऐसे में दुल्हा बैंड बाजा के साथ बारात लेकर आ गया. दुल्हन पक्ष ने भी बारातियों का स्वागात बड़ी धूम धाम से किया. इसके बाद स्टेज पर वरमाला का कार्यक्रम हुआ. यहाँ सबसे पहले दुल्हे ने प्रीति के गले में वरमाला डाली. प्रीति ने मायूस मन से अपने गले में वरमाला डलवा तो ली लेकिन जब इसके बाद दुल्हे को वरमाला पहनाने की उसकी बारी आई तो उसके हाथ थम गए. वो ये हिम्मत नहीं जुटा पाई. अंत में उसने शादी करने से इंकार कर दिया. दुल्हन की ये हरकत देख हर कोई हैरान रह गया. जब उससे वजह जानी गई तो उसने बताया कि मैंने आज शादी वाले दिन ही दुल्हे का चेहरे देखा हैं. मुझे ये पसंद नहीं आया.
प्रीति की ये बात सुन सभी रिश्तेदारों ने उसे समझाने की लाख कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी. अंत में हार मान सभी को ये शादी कैंसिल करनी पड़ी. फिर बारात भी दुल्हन के बिना ही वापसी लौट गई. लड़के वालो ने शादी में जो दहेज़ लिया था वो भी लड़की वालो को लौटा दिया. इसके साथ ही लड़के वाले दुल्हन को चढ़ाने के लिए सोना चांदी के आभूषण भी लाए थे जिसे वे अपने साथ ही ले गए.
प्रीति कुशवाह ने आठवी क्लास तक ही पढ़ाई की हैं. उसकी सगाई 6 महीने पहले प्रतापभान से हुई थी. हालाँकि ये काम उनके माता पिता ने ही तय कर दिया था. प्रीति और प्रतापभान ने एक दुसरे को देखा तक नहीं था. प्रीति ने तो घर वालो से कहा भी था कि वो उसे अपने होने वाले जीवनसाथी की फोटो दिखा दे, लेकिन घर पर किसी ने इस बात को सीरियस नहीं लिया. ऐसे में जब शादी वाले दिन प्रीति ने पहली बार दुल्हे क देखा तो वो उसे कुछ ख़ास पसंद नहीं आया, इसलिए उसने शादी नहीं की. प्रीति का कहना हैं कि शादी के बाद आपकी जिंदगी की एक नई शुरुआत होती हैं. ऐसे में मुझे दूल्हा देखने में ठीक नहीं लगा तो मैंने मना कर दिया. अब मैंने सही किया या गलत ये नहीं पता. लेकिन ये मेरी लाइफ की बात थी इसलिए में कोई भी समझौता नहीं करना चाहती थी.
ये घटना उन सभी माता पिता के लिए एक सबक हैं जो बेटी या बेटे की मर्जी जाने बिना ही उन पर शादी का प्रेशर डालते हैं और रिश्ता तय कर देते हैं. इसलिए पहले लड़का लड़की की मर्जी जानना बहुत जरूरी होता हैं.