साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में धोनी ने लूट ली महफिल, ग्लव्स पर दिखा ये अनोखा निशान
बुधवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया ने शानदार जीत हासिल कर वर्ल्ड कप का आगाज किया। टीम इंडिया ने अपने पहले ही मैच में साउथ अफ्रीका को उसकी लगातार तीसरी हार गिफ्ट कर दी। टीम इंडिया की तरफ से धारदार गेंदबाजी के बाद हिटमैन रोहित शर्मा की शतकीय पारी ने साउथ अफ्रीका को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिए। जी हां, टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 6 विकेट से मात देते हुए टूर्नामेंट का पहला मैच अपने नाम किया। टीम इंडिया की इस शानदार शुरुआत से भारतीय क्रिकेट प्रेमी काफी ज्यादा उत्साहित हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
साउथ अफ्रीका के खिलाफ शानदार जीत के बाद जहां एक तरफ चहल और रोहित शर्मा सुर्खियों में हैं, तो वहीं दूसरी तरफ महेंद्र सिंह धोनी चर्चा में हैं। महेंद्र सिंह धोनी मैच में अपने प्रदर्शन की वजह से नहीं, बल्कि उनके दस्ताने में एक ऐसी चीज़ दिखी, जिसे देखकर हर कोई हैरान रहा। दरअसल, महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स में एक ऐसा प्रतीक चिन्ह देखने को मिला, जिसे यूज करने का अधिकार किसी और खिलाड़ी के पास फिलहाल नहीं है। इतना ही नहीं, उस प्रतीक चिन्ह को कोई आसानी से कोई यूज भी नहीं कर सकता है।
धोनी के ग्लव्स पर दिखा बलिदान चिन्ह
This man @msdhoni has earned so much respect from all over d world surely not without a reason
He deserves every bit of it infact much more
— Dr.pooja chakraborty (@Drpoojachakrab3) June 5, 2019
साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में महेंद्र सिंह धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स में एक खास चिन्ह दिखा, जो बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं। इस बैज को ‘बलिदान बैज’ के नाम से जाना जाता है, जिसे बिना अधिकार के कोई और नहीं लगा सकता है, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने मैच के दौरान इसे अपने ग्लव्स पर लगाते हुए नजर आए, जिसके बाद उनका यह ग्लव्स चर्चा का विषय बना हुआ। बहुत सारे लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिर यह क्या है और इसे धोनी ने क्यों लगाया?
बलिदान बैज क्या है?
बताते चलें कि पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें ‘बलिदान’ के रूप में जाना जाता है। इस बैज में ‘बलिदान’ शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है, जोकि चांदी के धातु से बना हुआ होता है। बता दें कि इसके ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। यह केवल पैराशूट रेजिमेंट द्वारा ही पहना जाता है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठा रहा है कि आखिर महेंद्र सिंह धोनी ने इसे अपने ग्लव्स में क्यों लगाया।
धोनी को मिला है ये खास अधिकार
याद दिला दें कि महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों के कारण 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी, जिसके बाद वे कपिल देव के बाद यह सम्मान पाने वाले दूसरे क्रिकेटर बने। धोनी को यह सम्मान इसीलिए मिला, क्योंकि वह युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही बता दें कि धोनी एक प्रशिक्षित पैराट्रूपर हैं, जिसकी वजह से पैराट्रूपर विंग्स पहनते हैं। साथ ही बता दें कि साल 2015 में धोनी ने पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से पांचवीं छलांग पूरी करने के बाद प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न लगाने की अर्हता प्राप्त कर ली थी, जिसकी वजह से बलिदान बैज का इस्तेमाल करते हैं।