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भाजपा के जाने-माने नेता जिनकों इस कार्यकाल में मंत्रिमंडल में नहीं किया गया शामिल, देखें पूरी लिस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से जनता ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुना है। बता दें कि 30 मई को मोदी जी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण की। बता दें कि इस भाजपा सरकार के 58 मंत्रियों ने कल शपथ ग्रहण की है। बता दें कि नरेंद्र मोदी ने बहुत ही सूझबूझ के साथ अपने मंत्रिमंडल को चुना है। इसी के साथ इस बार भाजपा सरकार ने हर वर्ग को पूरी हिस्सेदारी दी है। इस बार जहां मंत्रिमंडल में कई नई चेहरे सामने आए हैं। बीजेपी नेताओं ने इस बात पर तर्क दिया कि इस बार जोश के ऊपर होश और अनुभवों को तरहीज दी गई है। वहीं कई ऐसे बड़े चेहरे हैं जिनको इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली हैं, जो पिछली सरकार में मंत्री थे। तो चलिए आपको बताते हैं उन नेताओं के बारे में जो पिछली सरकार में तो मंत्री थे लेकिन इस बार उनको कोई भी मंत्री पद नहीं मिला है।

सुषमा स्वराज

 

साल 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार आई थी तो केंद्र में भाजपा की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनी थीं और तब सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय सौंपा गया। बता दें कि सुषमा स्वराज ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से इस पद को संभाला। और 5 साल बहुत बेहतरीन तरीके से काम किया। बता दें कि सोशल मीडिया के द्वारा लोग सुषमा स्वराज से मदद मांगते थे, और वो हर कोशिश करती थीं लोगों की मदद करने की। लेकिन इस बार सुषमा स्वराज को कोई पद नहीं दिया गया। बता दें कि अपनी तबियत का हवाला देते हुए सुषमा स्वराज ने पहले ही किसी भी पद को लेने से मना कर दिया था।

अरुण जेटली

भारत के वित्त मंत्री अरूण जेटली पिछली सरकार में देश के एक बेहतरीन वित्त मंत्री बनें। लेकिन इस बार जब अरूण जेटली ने खुद ही अपनी सेहत का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर इस बार  किसी भी मंत्रिपद की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था।

महेश शर्मा

महेश शर्मा इस बार फिर से उत्तर प्रदेश की गौतबुद्धनगर की सीट से चुनाव जीतकर संसद चुने गए हैं। बता दें कि महेश शर्मा केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री थे। लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

सुरेश प्रभु

 

साल 2014 में सुरेश प्रभु को केंद्रीय रेलमंत्री का पद दिया गया था और बाद में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया। लेकिन इस बार सुरेश प्रभु को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

जे पी नड्डा

साल 2014 के कार्यकाल में जे पी नड्डा को स्वास्थय मंत्री बनाया गया था लेकिन इस बार उनको मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो इस बार उनको अमित शाह के स्थान पर बीजेपी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

राज्यवर्धन सिंह राठौर

पूर्व ओलंपियन और खेल व सूचना और प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर को भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

मेनका गांधी

पिछली बार पीलीभीत से सांसद बनी मोनिका गांधी ने इस बार सुल्तानपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। पिछली सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। लेकिन इस बार उनको मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

जयंत सिन्हा

भाजपा के पिछले कार्यकाल में जयंत सिन्हा को पहले केंद्रीय वित्त मंत्री और बाद में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री का बनाया गया था। लेकिन इस बार उनको मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

उमा भारती

 

केंद्रीय मंत्री उमा भारती को भी इस कार्यकाल में मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

मनोज सिन्हा

बता दें कि इस बार मनोज सिन्हा चुनाव में हार गए हैं और उन्हें मंत्रिमंडलल में शामिल नहीं किया गया है।

रामकृपाल यादव

पाटलीपुत्र लोकसभा सीट पर लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराने वाले रामकृपाल यादव को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। वहीं पिछली सरकार में रामकृपाल यादव केंद्रीय मंत्री थे।

अनंत कुमार हेगड़े

उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट पर बीजेपी का परचम लहराने वाले अनंत कुमार हेगड़े को इस बार मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया है। बीते कार्यकाल में अनंत कुमार हेगड़े केंद्रीय मंत्री थे।

शिव प्रताप शुक्ल

 

शिव प्रताप  पिछली सरकार में शिव प्रताप शुक्ल केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री थे। लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

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