अध्यात्म

माता के इस मंदिर में कुछ पलों के लिए होता है चमत्कार, दर्शन करने वालों के बनते हैं बिगड़े काम

हमारा देश धार्मिक देशों में माना जाता है, हमारे देश में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और यह सभी अपने अपने देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते हैं, हमारे देश में ऐसे बहुत से मंदिर मौजूद हैं जो अपने चमत्कार के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इन चमत्कारों को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, यह चमत्कार देखकर अक्सर लोग काफी अचंभित हो जाते हैं, इन चमत्कारों को देखने के बाद लोगों का विश्वास इन मंदिरों के प्रति और अधिक बढ़ जाता है, इन्ही चमत्कारिक मंदिरों में से आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिस मंदिर के अंदर कुछ पलों के लिए चमत्कार होता है और इस चमत्कार को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लग जाती है।

हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी दे रहे हैं ये मंदिर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के गांव गुदावल में मौजूद है, इस स्थान पर माता का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है, इस मंदिर को कंकाली मंदिर के नाम से लोग जानते हैं, गुदावल गांव रायसेन से लगभग 30 किलोमीटर दूरी पर है, ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर के अंदर नवरात्रि के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ लग जाती है क्योंकि इस मंदिर के अंदर ऐसा चमत्कार होता है जिसको देखने के लिए लोग भारी संख्या में मौजूद होते हैं, इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिलता है, इस मंदिर के अंदर माता की मूर्ति की गर्दन अपने आप सीधी हो जाती है, अपने इसी चमत्कार के लिए यह मंदिर दुनियाभर में मशहूर है, इस मंदिर में देवी मां की जो मूर्ति मौजूद है उसकी गर्दन तिरछी है और नवरात्रि के दिनों में यह कुछ पलों के लिए अचानक सीधी हो जाती है, इस चमत्कार को देखने के लिए भारी संख्या में भक्त यहां पर आते हैं ऐसा बताया जाता है कि नवरात्रि के दिनों में जो भक्त माता की गर्दन को सीधी होते हुए देख लेता है उसके सभी बिगड़े हुए कार्य बन जाते हैं परंतु माता के इस चमत्कार के दर्शन भाग्यशाली लोगों को ही हो पाते हैं, जिनको इसके दर्शन हो जाते हैं वह बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।

माता के इस मंदिर के अंदर जो मां काली की मूर्ति मौजूद है यह बहुत ही प्राचीन है, इस मंदिर के अंदर माता काली की 20 भुजाओ वाली मूर्ति मौजूद है, इसके साथ ही भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की भी मूर्ति स्थित है, वैसे देखा जाए तो इस मंदिर के अंदर वर्षभर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है परंतु नवरात्रि के समय इस मंदिर में कुछ ज्यादा ही भक्तों का आगमन होता है, चैत्र नवरात्र में रामनवमी के दिन विशाल भंडारे का आयोजन होता है, यह मंदिर हरे भरे जंगलों के बीच स्थित है जो इसके आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां पर माता की मूर्ति की गर्दन 45 डिग्री झुक जाती है, नवरात्रि के दिनों में माता की गर्दन कुछ पलों के लिए सीधी होती है, इस चमत्कार को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पर उपस्थित होते हैं, इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि जिन महिलाओं को संतान की प्राप्ति नहीं हो पाती है अगर वह अपनी श्रद्धा भाव से गोबर से उल्टे हाथ लगाती है तो उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है, जब इच्छाएं पूरी हो जाती है तो हाथों के सीधे निशान बना दिए जाते हैं, आप इस मंदिर के अंदर हाथों के हजारों निशान देख सकते हैं।

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