अध्यात्म

इस मंदिर में शनिदेव दूध और जल से होते हैं प्रसन्न, मंदिर में प्रवेश करते ही दिखता है चमत्कार

शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, यह हमेशा व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही उसको फल प्रदान करते हैं, जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे कार्य करता है और हमेशा नेकी के मार्ग पर चलकर अपना जीवन यापन करता है उसको शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है, परंतु जो लोग बुरे कार्य करते हैं और लोगों को दुख पहुंचा कर अपना जीवन व्यतीत करते हैं ऐसे लोगों से शनिदेव क्रोधित हो क्रोधित होते हैं और उनको शनिदेव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है, इसीलिए कहा जाता है कि अगर शनि देव की कृपा प्राप्त करनी है तो व्यक्ति को हमेशा अपने जीवन में अच्छे कार्य करना चाहिए और किसी को भी दुख नहीं पहुंचाना चाहिए, वैसे देखा जाए तो देशभर में शनि देव के बहुत से मंदिर मौजूद है और इन मंदिरों में लोग शनिदेव की पूजा अर्चना करके इनकी कृपा प्राप्त करते हैं, आमतौर पर आप लोगों ने शनि मंदिरों में शनि देव की काली पत्थर की प्रतिमा के दर्शन किए होंगे और इसी प्रतिमा का श्रृंगार किया जाता है परंतु आज हम आपको एक ऐसे शनि मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर शनि देव के सोलह श्रृंगार होते हैं इस मंदिर के अंदर सिंदूरी शनि महाराज भक्तों को सोलह श्रृंगार में दर्शन देते हैं।

आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं यह इंदौर के जुनी शनि मंदिर है यहां पर शनि महाराज सोलह सिंगार में विराजमान है, ऐसा कहा जाता है कि जब इस मंदिर में शनि देव को दूध और जल से अभिषेक किया जाता है तो इनका यह रूप और भी निखर जाता है, आखिर इसकी इसके पीछे वजह क्या है? आखिर इस मंदिर के अंदर शनि देव का सोलह श्रृंगार क्यों किया जाता है? इन सभी बातों के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं, इस मंदिर के अंदर शनि देव के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगती है, शनि देव का यह रूप भक्तों को डराता नहीं है बल्कि भक्त अपने आप शनि देव के सोलह श्रृंगार के रूप की तरफ खिंचे चले आते हैं, ऐसा माना जाता है कि शनि देव के इस मंदिर में जो भक्त प्रवेश करता है उसको चमत्कार देखने को मिलता है।

ज्यादातर लोगों की यह धारणा है कि शनिदेव क्रूर देवता है और यह हमेशा लोगों को परेशान करते हैं, परंतु आपका यह मानना बिल्कुल गलत है क्योंकि भगवान शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और यह हमेशा अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं, इसके साथ ही लगभग सभी मंदिरों में शनि देव की प्रतिमा काले पत्थर की मौजूद होती है, जिस पर किसी भी प्रकार का श्रृंगार नहीं किया जाता है, लेकिन इस मंदिर के अंदर शनिदेव की आकर्षक प्रतिमा मौजूद है, शनिदेव का श्रृंगार भक्तों को अपनी तरफ आकर्षित करता है, शनि देव के इस रूप को देखकर सभी भक्त मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और इस प्रतिमा के ऊपर से इनकी नजर नहीं हटती है, इस मंदिर के अंदर शनिदेव की प्रतिमा की पूजा करने की विधि भी बिल्कुल अनोखी है, इस मंदिर के अंदर शनिदेव की तेल से नहीं बल्कि दूध और जल से अभिषेक किया जाता है, ऐसा माना जाता है कि दूध और जल से अभिषेक करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।

शनि देव के इस मंदिर में सुबह के समय सबसे पहले शनिदेव का दूध और जल से स्नान कराया जाता है ,उसके पश्चात पुष्प और शाही पोशाक से इनका श्रृंगार किया जाता है, शनि देव के श्रृंगार की इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 6 घंटे का समय लग जाता है, शनि देव के इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यह अन्य शनि मंदिरों से बिल्कुल भिन्न है, ऐसा बताया जाता है कि यहां आरती से ठीक पहले शहनाई बजाई जाती है जो आरती पूरी होने तक लगातार बजती रहती है, इस मंदिर के प्रति लोगों का अटूट विश्वास देखने को मिलता है, ऐसा माना जाता है कि जो भक्त अपने सच्चे मन से शनि देव के समक्ष प्रार्थना करता है उसकी प्रार्थना कभी भी खाली नहीं जाती है, शनि देव के इस मंदिर में भक्तों के निराश चेहरे पर खुशी साफ झलकने लगती है।

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