इस मंदिर का प्रसाद घर ले जाने की ना करें गलती, अन्यथा परेशानियां नहीं छोड़ेंगी आपका पीछा
हमारे भारत देश के अंदर ऐसे बहुत से अनोखे और चमत्कारिक मंदिर मौजूद है जो अपने चमत्कारों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, इतना ही नहीं बल्कि इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों के आगे तो वैज्ञानिकों ने भी घुटने टेक दिए हैं वैज्ञानिक भी इन मंदिरों के चमत्कारों के विषय में कुछ भी पता नहीं लगा पाए हैं, वैसे देखा जाए तो ऐसे बहुत से देवी देवताओं के मंदिर हमारे देश भर में मौजूद है जिनके प्रति लोगों की अटूट आस्था देखने को मिलती है, और इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों की देखकर लोगों का भरोसा और भी मजबूत हो गया है, आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जहां पर लोगों की सभी परेशानियां दूर होती है, परंतु इस मंदिर का प्रसाद घर पर नहीं ले जाना चाहिए अन्यथा आपके जीवन में मुसीबतें आरंभ हो जायेंगीं।
आप लोगों ने महाबली हनुमान जी के बहुत से मंदिरों के दर्शन किए होंगे और इन मंदिरों के बारे में सुना भी होगा परंतु आज हम आपको महाबली हनुमान जी के एक ऐसे प्रमुख मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो बहुत ही चमत्कारी है यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है, इस मंदिर को मेहंदीपुर बालाजी के नाम से लोग जानते हैं, इस मंदिर के अंदर स्थापित मेहंदीपुर बालाजी की बाई छाती में एक छोटा सा छिद्र है जिस छिद्र में से लगातार जल प्रवाहित होता रहता है यहां के लोगों का ऐसा मानना है कि यह बालाजी का पसीना है, इस मंदिर के अंदर बालाजी के साथ-साथ प्रेतराज और भैरव महाराज भी विराजमान है, भैरव जी को कप्तान कहा जाता है इस मंदिर का नजारा जो व्यक्ति पहली बार देखता है वह थोड़ा भयभीत हो जाता है क्योंकि यहां का नजारा बहुत ही भयानक है, इस मंदिर में लोग अपनी ऊपरी बाधाओं और काली छाया से मुक्ति पाने के लिए आते हैं, इस मंदिर के अंदर बुरी शक्तियां जैसे भूत प्रेत पिशाच आते ही कांपने लगते हैं यहां पर जिन लोगों के ऊपर किसी आत्मा का साया होता है उस आत्मा से मुक्ति दिलाने के लिए कठोर से कठोर दंड मिलता है।
अगर हम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की सबसे खास बात की बात करें तो यहां पर बाला जी को लड्डू, प्रेतराज को चावल और भैरव को उड़द का प्रसाद अर्पित किया जाता है ऐसा कहा जाता है कि बालाजी के प्रसाद के दो लड्डू खाते ही भूत प्रेत से पीड़ित व्यक्ति के अंदर मौजूद भूत प्रेत तड़पने लगते हैं और अजीब अजीब सी हरकतें करने लगते हैं, यहां पर जो प्रसाद अर्पित किया जाता है, उसको अर्जी कहा जाता है, मंदिर में प्रसाद अर्पित करने के पश्चात वहां से तुरंत निकलना होता है, जब अर्जी का प्रसाद लेते समय उसे पीछे की ओर फेंकना होता है तब इस प्रक्रिया में प्रसाद फेंकते समय पीछे की ओर मुड़कर नहीं देखा जाता, वैसे अन्य मंदिरों में भगवान को प्रसाद अर्पित करने के पश्चात लोग अपने घर पर प्रसाद लेकर जाते हैं परंतु मेहंदीपुर बालाजी के इस मंदिर में अर्पित किया गया प्रसाद घर पर नहीं ले जाया जाता, यहां का प्रसाद घर पर ले जाने के लिए मना है।
मेहंदीपुर बालाजी के दरबार में जो भी भूत प्रेत से पीड़ित व्यक्ति आता है उसको अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा प्राप्त होता है, यहां पर जो भी लोग दर्शन करने के लिए आते हैं उनके लिए कुछ कड़े नियम भी बनाए गए हैं, यहां आने से पहले कम से कम 1 सप्ताह पहले से लहसुन प्याज अंडा मांस शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए इसके पश्चात जब आप बालाजी के दरबार जा रहे हैं तो यहां पर सुबह और शाम की आरती में शामिल अवश्य होना चाहिए और आरती की छींटें लेनी चाहिए, यह बीमारियों से मुक्ति और ऊपरी बाधाओं से सुरक्षा करता है।