चीनी का ज्यादा प्रयोग कर सकता है आपका दिमाग खराब, जानिए ये खास खबर
चीनी (शक्कर) का उपयोग लगभग हर कोई करता है. जिसको डायबिटीज होती है वो भी टेस्ट बदलने के लिए कभी-कभी चीनी खा ही लेता है. मगर अक्सर ये पाया गया है कि चीनी का ज्यादा सेवन बहुत सी बीमारियों को दावत देता है. आमतौर पर सभी जानते हैं कि चीनी की सबसे बड़ी दुश्मन बीमारी मधुमेह यानी डायबिटीज होती है जिससे बचने के लिए अक्सर लोग चीनी का सेवन कम ही करते हैं लेकिन एक शोध में पाया गया है कि चीनी का सेवन एक व्यक्ति एक साल में 20 किलोग्राम तक करता है. फिर वो चाहे जितना कम इस्तेमाल करता हो लेकिन फिर वो इतना सेवन तो कर ही लेता है. मगर उसी शोध में ये भी पता चला है कि चीनी का ज्यादा प्रयोग कर सकता है आपका दिमाग खराब, नहीं यकीन है तो पढ़िए हमारा आज ये खास आर्टिकल.
चीनी का ज्यादा प्रयोग कर सकता है आपका दिमाग खराब
चीनी का अत्यधिक सेवन आपको शुगर का मरीज बना सकता है और इससे बचने के लिए ही लोग चीनी कम खाते हैं लेकिन आमतौर पर जिन खाद्द पदार्थों में हमे शुगर का पोषण मिलता है उसका सेवन करना तो कम नहीं करता. चीनी का ज्यादा सेवन दिमाग में खतरा पैदा करता है जिसे डोपामाइन हार्मोन कहते हैं. इस हार्मोन के जरिए ही हमें चीनी का स्वाद मीठा लगता है और ये मीठापन 15 से 20 मिनट तक हमारे जुबान पर रहता है लेकिन डोपामाइन दिमाग में बहुत देर तक रह जाता है, जिससे व्यक्ति को छोटी-छोटी परेशानियां होने लगती हैं. ज्यादा शक्कर दिमाग को बहुत ज्यादा संवेदनशील न्यूरोलॉजिकल परेशानियों का कारण बना देती हैं. जिसकी वजह से आपको डिप्रेशन और स्ट्रेस की समस्या शुरु हो जाती है. कई मामलों में तो इसकी वजह से लोगों में डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी बीमारियां पाई गई हैं. जिसकी वजह से लोगों की सीखने की क्षमता कम होने लगती है और दिमाग भी कमजोर होने लगता है.
इसके अलावा मीठी चीजों के माध्यम से हम चीनी का स्वाद लेते हैं और जब चाहें इसे छोड़ सकते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शूगर हमें दूसरे माध्यम से भी प्राप्त होते हैं. चीनी हमें प्रोसेस्ड फूड्स ब्रेड, फ्लेवर्ज मिल्क, दही, पैकेट वाला दूध, पैकेटबंद खाने का सामान, चॉकलेट्स, एनर्जी बार और कैचअप जैसे खाद्द पदार्थों से भी मिलता है. इस बात को जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि प्राकृतिक शुगर मीठे फल, गन्ना, गुड़, ब्राउनशुगर, दूध और शहद जैसी चीजों का ज्यादा उपयोग करने से भी शरीर और सबसे ज्यादा दिमाग को हानि पहुंचती है.