अध्यात्म

सावन के महाशिवरात्रि में हर शादीशुदा जोड़े को शिवजी से सीखनी चाहिए सुखी जीवन के 4 गुण

हिंदू मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ को गृहस्थ जीवन का देवता माना गया है. आपने अक्सर ये बात सुनी होगी कि लड़कियां अच्छा पति सिर्फ शिवजी की पूजा करने से ही मांगती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भोलेनाथ एक संपूर्ण पति के सभी गुण वाले माता पार्वती के पति थे और उनके शादीशुदा जीवन की मिसालें सभी देते हैं. ऐसे में अगर कोई भी लड़का हो या लड़की उसे अपना जीवनसाथी समझदार और प्यार करने वाला चाहिए तो उन्हें शिवजी की पूजा जरूर करनी चाहिए. सावन केम महाशिवरात्रि बहुत अच्छा साधन माना गया है जब एक शादीशुदा जोड़ा शिवजी का व्रत रख लेता है तो उसके जीवन में कभी कोई कमी नहीं होती. हर शादीशुदा जोड़े को शिवजी से सीखनी चाहिए सुखी जीवन के 4 गुण, आपका जीवन भी खुशहाल बना रहे. सावन का महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय होता है और ऐसा माना जाता है कि इसी महीने में भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था.

शिवजी से सीखनी चाहिए सुखी जीवन के 4 गुण

इस बार सावन की शिवरात्रि श्रावण 9 अगस्त यानि आज मनाई जा रही है और मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की अराधना करने वालों की पूजा आज के दिन स्वीकार की जाएगी.

1. भगवान शिव ही एकमात्र ऐसे देवता है जिन्हें अर्धनारीश्वर भी कहा जाता है. इसका मतलब होता है कि शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की है और आधी स्त्री की है. उनके इस रूप से हर शादीशुदा जोड़े को ये संदेश दिया गया है कि पति-पत्नी भले ही शरीर से अलग-अलग हों लेकिन मन और आत्मा से एक होते हैं. आपने अक्सर देखा होगा कि पति-पत्नी के बीच कई झगड़े तो सिर्फ खुद को बड़ा दिखाने के लिए होते हैं लेकिन उनमें असल में कोई अलगाव होता ही नहीं है.

2. भगवान शिव और माता पार्वती का साथ और प्रेम सभी शादीशुदा लोगों के प्रतक है. ये उन लोगों के लिए उदाहरण है जो शादी करते समय बैंक बैलेंस और खूबसूरती को प्राथमिकता देते हैं. क्योंकि असल में माता पार्वती एक राजा की बेटी थीं और उन्होंने एक भस्मधारी, गले में सर्प की माला वाले शिवजी को पसंद किया, और उनका गृहस्थ जीवन बहुत ही सादा था. इसके पीछा का कारण ये भी था कि उन दोनों में प्यार और विश्वास बहुत था और दोनों एक-दूसरे का आदर करते थे जो हर पति-पत्नी को एक-दूसरे का करना चाहिए.

3. हर लड़की की चाहत होती है कि उसका पति भोलेभंडारी जैसा हो जिससे उसे बहुत प्यार मिले और वो उसकी किसी बात को अनसुना न करे. हालांकि एक लड़की अपने पति में एक बेहतरीन मुखिया भी देखती है जो जीवन में आने वाले हर पड़ाव का रास्ता ढूंढ ले. अपनी सोच-समझ से हर मुश्किल को आसान बना दें वो भी अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए न कि सिर्फ बल ही दिखाता रहे. शिवजी माता पार्वती से कितना प्यार करते थे ये इस बात से पता कुछ इस तरह चला जब माता पार्वती भगवान शिव के हुए अपमान से दुखी होकर सती हो गई थीं तब भगवान ने रौद्र रूप धारण करके दुनिया का विनाश करने के बारे में सोच लिया था.

4. जिस तरह परिवार का मुखिया अलग-अलग विचार होने के बावजूद अपने पूरे घर को धागे में पिरो कर रखता है, बिल्कुल उसी तरह भगवान शिव भी अपने परिवार को एक साथ रखते थे. ऐसा ही हर लड़की भी अपने पति में देखना चाहती है और पति भी अपनी पत्नी में यही देखना चाहता है कि वो उसके परिवार सम्मान करती है या नहं. भगवान शिव ऐसे गृहस्थ के देवता हैं जो विषम परिस्थितियों में भी अपने परिवार को साथ लेकर ही चलते थे.

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