अगर आपका बच्चा खो जाए तो इन तरीक़ों से ख़ुद ही खोज सकते हैं अपना खोया हुआ बच्चा
आजकल बच्चा गुम होने या चोरी होने की ख़बरें हर रोज़ अख़बार या न्यूज़ में पढ़ने देखने को मिल रही हैं। जब किसी का बच्चा को जाता है या चोरी हो जाता है तो उसके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है। किसी भी माँ-बाप के लिए यह बहुत बड़ा दुःख का पल होता है। बच्चे जिन्हें एक पल भी माँ-बाप अपने से अलग नहीं होने देते हैं, उनके खो जाने पर क्या हालत होगी यह सोचकर ही डर लगता है। बच्चा चोरी होने की घटनाएँ समाज में हमेशा से ही हो रही हैं।
मानव तस्करी के ख़िलाफ़ काम करने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रेन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत में हर घंटे 7 बच्चे गुम या चोरी हो जाते हैं। इनमें से कुछ तो वापस मिल जाते हैं, जबकि आधे बच्चे कभी घर लौटकर आते ही नहीं है। माई बेबी मिसिंग डॉट कॉम की डायरेक्टर अनामिका मिश्रा बताती हैं कि दुनिया में तेज़ी से बढ़ रही मानव तस्करी के अपराध की वजह से ज़्यादा बच्चे गुम हो रहे हैं। इस तरह के अपराध बिना किसी हिंसा की वजह से हमारे आस-पास ही होते हैं, जिसपर लोग ध्यान नहीं देते हैं।
अभिवावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चे का अच्छे से ख़याल रखें और बच्चों को मानव तस्करी जैसी घटनाओं के ख़िलाफ़ जागरूक करें। अगर किसी का बच्चा गुम हो जाए तो उसे ढूँढने के लिए यह तरीक़े अपनाएँ जा सकते हैं। इससे शायद आपको मदद मिल जाए और आपका खोया हुआ बच्चा आपको वापस मिल जाए।
*- अगर आपका या आपके किसी परिचित का बच्चा गुम हो जाए तो सबसे पहले इसके बारे में आस-पास के लोगों को बताएँ और साथ ही उन्हें खोजने के लिए भी कहें। आपके बच्चे को खोजने में आस-पास के लोग आपकी काफ़ी मदद कर सकते हैं।
*- थाने में इसकी शिकायत करें और ख़ासकर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के बाहर जाने वाले स्थानों को पुलिस से नाकेबंदी के लिए मदद माँगे।
*- अपने खोए हुए बच्चे की फ़ोटो अपने और सम्बंधित पुलिस थाने के नम्बर के साथ अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य लोगों को वाट्सएप कर दें। इससे काफ़ी मदद मिल सकती है।
*- बच्चे के स्कूल, घर, मुहल्ले से लगभग 50 किमी की दूरी तक चरो दिशाओं में लोगों को फैला दें और उसे खोजने के लिए कहें।
*- अपने इलाक़े के किसी एनजीओ और सोशल मीडिया ऐक्टिविस्ट से अपने बच्चे को खोजने के लिए मदद माँगे।
इस तरह तरह से रखें अपने बच्चों पर निगरानी:
*- माता-पिता को हर समय अपने बच्चों पर निगरानी रखनी चाहिए। उन्हें ध्यान देना चाहिए कि वो किसके साथ आते जाते हैं और किससे मिलते हैं।
*- बच्चों को सबसे पहले घर के किसी सदस्य का मोबाइल नम्बर याद करवा दें। जिससे वो खो जाने पर किसी को इसके बारे में बता सकें।
*- बच्चों को यह हिदायत दे दें कि किसी अनजान आदमी या औरत से वो कोई खाने की चीज़ ना लें।
*- बच्चों को यह बता दें कि अगर कोई अनजान आदमी या औरत अपने पास बुलाए तो उसके पास ना जाएँ और तुरंत चिल्लाना शुरू कर दें।
*- स्कूल वालों को यह करना चाहिए कि बच्चों को स्कूल बस के ड्राइवर और माँ-बाप के अलावा किसी के साथ ना जानें दें। माँ-बाप भी इसके बारे में ध्यान दें।