ऐसा मंदिर जहाँ नाचते हैं हनुमान जी, पान और मेवा चढ़ाने वाले हर भक्त की हो जाती है मनोकामना पूरी
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को अहम स्थान दिया गया है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सभी देवताओं का अपना अलग-अलग महत्व होता है। सभी देवताओं की लोग विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं। किसी देवता की अलग तरह से पूजा की जाती है तो किसी देवता की पूजा करने की विधि अलग होती है। ठीक वैसे ही हनुमान जी की पूजा करने की भी विधि अलग है। आपको जानकार हैरानी होगी कि एक ही देवता की अलग-अलग जगहों पर पूजा विधि अलग-अलग होती है।
भारत में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। सभी मंदिरों में हनुमान जी की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ की जाती है। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं और यहाँ हनुमान जी की पूजा की विधि भी अन्य मंदिरों से अलग होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही अनोखे और चमत्कारी हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने चमत्कार के लिए पूरे देश में चर्चित है। इस मंदिर की अपनी ही विशेषता है।
हनुमान जी का एक हाथ कमर पर है तो दूसरा सिर पर:
वैसे तो आपने लगभग हर हनुमान मंदिर में हनुमान जी को बड़ी-बड़ी आँखों वाला और सिंदूर से नहाया हुआ देखा होगा। हाथ में गदा लेकर शांत मुद्रा में रहते हैं। लेकिन झाँसी में हनुमान जी का एक ऐसा भी मंदिर है जहाँ हनुमान जी ने अपने हाथ में गदा नहीं बल्कि कमर पर हाथ रखकर नाचते हुए मुद्रा में हैं। जी हाँ यहाँ हनुमान जी नृत्य करते हैं। यहाँ स्थापित हनुमान जिजी की मूर्ति को देखकर साफ़-साफ़ लगता है कि हनुमान जी का एक हाथ सिर पर है और दूसरा हाथ कमर पर है। कहानियों के अनुसार नाचते हुए हनुमान जी को वस्त्र नहीं पहनाया जाता है, लेकिन यहाँ हनुमान जी को वस्त्र पहनाया गया है।
दरबार में सबके सामने करने लगे हनुमान जी नृत्य:
हनुमान जी की रक्षा के लिए मंदिर के बाहर दो दरबान भी तैनात किए जाते हैं जो बैठकर पहरा देते हैं। इस मंदिर में हनुमान जी के नृत्य करने के पीछे रामायण की एक कहानी भी है। जब भगवान श्रीराम रावण को मारकर माता सीता तो वापस अयोध्या ले आए और यहाँ उनका राज्याभिषेक होने लगा तो हनुमान जी से रहा नहीं गया। हनुमान जी ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर करने के लिए दरबार में सभी के सामने नृत्य करने लगे। इस मंदिर को लोग हनुमान मंदिर के नाम से नहीं बल्कि माधव बेड़िया सरकार के मंदिर के नाम से ज़्यादा जानते हैं।
हनुमान जी की रक्षा के लिए रखे हैं दो दरबान:
इस मंदिर के पुजारी के बताया कि, यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। इस बात का कोई लिखित प्रमाण तो नहीं है लेकिन इस मंदिर और इस जगह को इसी नाम से जाना जाता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर के बाहर दो दरबानों को भी रखवाया जाता है ताकि वह नृत्य करते हनुमान जी की रक्षा कर सकें। मंदिर में हनुमान जी की लगभग 5 फ़ीट की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर में स्थापित हनुमान जी को देखकर लगता है कि वह मुस्कुराते हुए नाच रहे हैं। इस मंदिर में हनुमान जी को चढ़ावे के रूप में पान और मेवा ही चढ़ाया जाता है। जो भी भक्त हनुमान जी को पान और मेवा चढ़ाते हैं, उनकी सभी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।