कोई जादू टोना भी आपका बाल बांका नहीं कर पाएगा, अगर आपके पास है यह चीज
ज्योतिष तंत्र में ऐसी बहुत सी विद्याएं बताई गई हैं जिसके द्वारा किसी भी जादू टोने से व्यक्ति अपना बचाव कर सकता है जिस व्यक्ति पर जादू टोने का प्रभाव होता है वह व्यक्ति इन विद्याओं का इस्तेमाल अवश्य करता है आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं यदि आप उसका धारण करते हैं तो आपका कोई भी जादू टोना कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता, हम जिस चीज के बारे में बात कर रहे हैं वह “कौड़ी” है कौडियो का संसार अत्यंत विस्तृत है इसको जल से प्राप्त किया जाता है इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इनको एकत्रित करने का ढंग प्राचीन काल से ही वैसा का वैसा ही है कोई भी बदलाव नहीं आया है प्राचीन शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि नारियल के तालपत्र जलाशय तथा उथले समुद्र की सतह पर बिखेर दिए जाते हैं और इनमे कौड़ियां चिपक जाती हैं और इनको निकालकर समुंद्र के किनारे पर ही सुखा लिया जाता है यह आज के समय में भी किया जा रहा है।
अगर हम प्राचीन काल की बात करें तो यह कौड़ियां उस समय में मुद्रा के रूप में प्रचलित थी इसका उदाहरण मिस्र में स्थित एक मकबरे की दीवारों पर बने एक चित्र में देखने को मिलता है दीवार पर अंकित बाजार के एक दृश्य में विक्रय के लिए रखी चीजों में कौड़ियों की एक कतार भी देखने को मिलती है कोड़ियों पर किए गए अध्ययन अपर्याप्त है और इन सब की खोज करना जरूरी है मुद्रा के रूप में कौड़ियों का प्रचलन कब बंद हुआ था इसके विषय में कुछ भी कहना बहुत ही मुश्किल है परंतु इस बारे में दो वजह बताई जाती है पहला कारण यह है कि चीन जैसे देश में कौड़ियों का प्रदाय अनियमित था इससे व्यापार में बाधाएं उत्पन्न होती थी और दूसरी वजह यह थी कि समुद्र के आसपास के क्षेत्र में कौड़ियों का बहुत ही गहराइयों में पाया जाना जो सबसे मुख्य कारण था।
हमारी भारतीय संस्कृति का कौड़ी से बहुत ही गहरा संबंध है प्रजनन क्षमता और शिशु जन्म से संबंधित पुरानी कहानियों में कौड़ी के विषय में बहुत से आश्चर्यजनक बातें सुनने को मिलती हैं बहुत से समाजों में विवाह संस्कार में कौड़ी को बहुत ही महत्व स्थान दिया गया है यह बहुत शुभ माना गया है राजस्थान में विवाह मंडप को कौड़ियों से सजाया जाता है और दुल्हन की कलाई में कौड़ी बांधी जाती है जब दुल्हन की विदाई होती है तो उस समय उसके बालों को कौड़ी से सजाने की परंपरा भी है।
आप लोगों ने पंजाबी शादियों के बारे में तो सुना ही होगा पंजाबी दुल्हन कलीरे पहनती है जिसके अंदर कौड़ी लगी हुई होती है जो उसकी कलाई में लटकती रहती है असम के अंदर अहोम जाति में बुजुर्ग दूल्हा-दुल्हन के कान के पास कौड़ी हिलाते हैं इसके बारे में ऐसा माना जाता है कि इस तरह करने से कौड़ी में वास करने वाली जनन क्षमता की देवी उन्हें अच्छी संतति का वर प्रदान करती है।
वैसे देखा जाए तो बहुत से अनुष्ठानों और धार्मिक कार्यों में कौड़ी का बहुत महत्व माना जाता है बहुत से लोग पूजा के स्थान में शंख के साथ कौड़ी भी रखते हैं जब दिवाली आती है तो गोवर्धन पूजा में गाय माता के गले में कौड़ियों की माला पहनाई जाती है।
ऐसा माना जाता है कि अगर कोड़ी पहना जाए तो इससे जादू टोने का कोई भी प्रभाव नहीं होता है इसके अलावा कुछ जनजातियां ऐसी हैं जो कौड़ियों को शौर्य का प्रतीक मानती हैं यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में पाचन शक्ति की गड़बड़ी आंख-कान हृदय तथा किडनी आदि से संबंधित रोगों के उपचार तथा अच्छी मात्रा में कैल्शियम उपलब्ध कराने के लिए भी कौड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।