खुल गया राजनीति का सबसे बड़ा रहस्य, जानिये किस लिए पीएम मोदी ने छोड़ा अपनी पत्नी को
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। जब से वो केंद्र में आएं है, उनकी लोकप्रियता आसमान छू रही है। मोदी न सिर्फ भारत में बल्कि विदेश में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। उनकी लोकप्रियता के चर्चे आज चारो तरफ है। ऐसे में आज हम पीएम मोदी के उस राज से पर्दा हटाने वाले है, जिसको लेकर कई बार पीएम मोदी की आलोचना भी हो चुकी है। लोग उन्हें ताने मारते हैं, लेकिन अगर आप इस सच्चाई को जानेंगे तो आपके मन में उनके लिए औऱ भी प्यार गहरा हो जाएगा।
नरेंद्र मोदी पीएम बनने से पहले कई बार गुजरात के सीएम रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने गुजरात के सीएम पद से इस्तीफा देकर पीएम बने। जिसके बाद से लेकर अब पीएम की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। आप सभी जानते हैं कि पीएम मोदी के पास उनकी मां के अलावा और कोई नहीं है। पीएम मोदी ने अपनी पत्नी को भी छोड़ दिया, जिसकी वजह से नारीवाद के समर्थक उनकी आलोचना करते हैं। लेकिन आज हम बताएंगे कि आखिर वो कौन सी वजह थी, जिसकी वजह से मोदी ने इतना बड़ा कदम उठाया?
17 साल की उम्र में बंधे थे शादी के बंधन में, दो दिन रूकी थी बारात
जब मोदी 17 साल के थे, तो उनकी शादी हो गई थी। बता दें कि मोदी की बारात दो दिन उनके ससुराल में ही रूकी थी। इनकी बारात गुजरात के उंझा के नज़दीक ब्रह्मवाड़ा गांव में गई थी, जहां 15 साल की जशोदाबेन का मायका था। मोदी की शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई थी। शादी के बाद अपनी दुल्हनियां को घर लेकर भी आएं थे, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें जशोदाबेन को छोड़ना पड़ा।
दरअसल, मोदी का शादी के बाद घर में मन ही नहीं लगा। जिसकी वजह से न तो उन्होंने अपना परिवार बढ़ाने के बारे में कभी नहीं सोचा। बताया जाता है कि मोदी की रूचि अक्सर देश से जुड़े मुद्दे में थी, जिसकी वजह से उनका मन नहीं लगा। बताया जाता है कि मोदी तो शादी करना ही नहीं चाहते थे, लेकिन परिवार के दबाव में उन्होंने शादी किया।
तो इसलिए छोड़ा जशोदाबेन को
एक युवक के रूप में मोदी भी अपना भविष्य तलाशने लगे। ऐसे में वो राष्टीय स्वयंसेवक संघ से टकरा गये। उनको लगा जैसे उनको एक मंजिल मिल गई। बता दें कि संघ का अनुशासन, देश प्रेम की भावना, सेवा भाव और वसुधैव कुटुंबकम का संदेश ही मोदी को भी भा गया, ऐसे में उन्होंने घर परिवार सब कुछ त्याग दिया। बता दें कि मोदी ने देश के लिए कुछ कर गुजरने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।
नरेन्द्र मोदी की उस समय उम्र करीब 20 साल रही होगी जब उन्होंने अपना गृहस्थ जीवन त्यागकर देश सेवा के लिए समर्पित होने के लिए संघ का रास्ता चुना, जिसके बाद उन्होंने सबकुछ छोड़कर संघ के साथ चल पड़े। इसी रास्ते पर चलते हुए वो भाजपा से टकराएं, जहां से वो बीजेपी में बतौर एक कार्यकर्ता शामिल हुए, इसके बाद मोदी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जब मोदी अपनी पत्नी को छोड़कर चले गये तो वो थोड़ी सी दुखी जरूर हुई। लेकिन वो अपने पति की सोच से पूरी तरह से सहमत थी। बता दें कि मोदी के जाने के बाद जशोदा बेन ने स्कूल में पढ़ाकर अपना गुजारा किया, जिसके बाद उन्हें मोदी की बिल्कुल याद नही आती है। बल्कि वो जब मोदी की कामयाबियों के किस्से टीवी पर देखती हैं, तो बहुत खुश हो जाती हैं।
यहां आपको बता दें कि पीएम मोदी ने जशोदाबेन को अभी तक तलाक नहीं दिया है। बिना तलाक ही दोनों अलग अलग रहते हैं। ऐसे में कई बार पीएम मोदी को इसकी वजह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। याद दिला दें कि राजनीति में आने के सालों बाद मोदी ने स्वीकार किया कि जशोदाबेन उनकी पत्नी है।