इस महिला के साथ चिकित्सक ने प्रसव के दौरान किया ऐसा काम, भगवान किसी के साथ ना हो ऐसा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बसंत विहार के नीरजा अस्पताल के बाहर बुधवार को एक बीपीएल परिवार की एक महिला प्रसूता के परिजनों ने जमकर हंगामा किया था प्रसूता की मृत्यु के पश्चात उसके परिजन शव को लेकर अस्पताल के बाहर पहुंचे हुए थे और अस्पताल के बाहर ही जमकर प्रदर्शन किया गया था प्रसूता के परिजनों ने प्रदर्शन के दौरान अस्पताल के चिकित्सक और स्टाफ पर लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप भी लगाया था अस्पताल के प्रशासन और प्रसूता के परिजनों के बीच जमकर वाद विवाद हुआ था जिसकी वजह से अस्पताल के बाहर काफी लोगों की भीड़ लग गई थी और प्रसूता के परिजन धरने पर भी बैठ गए थे इस सूचना के मिलने के पश्चात पुलिस मौके पर पहुंच गई और प्रसूता के परिजनों और चिकित्सकों को समझाने की कोशिश करने लगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सीकर बसावा निवासी 23 वर्षीय प्रसूता अनीता को 7 मई को बसंत बिहार के निरजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर 7 मई को प्रसव के बाद ब्लीडिंग चालू हो गई थी और हीमोग्लोबिन की मात्रा गिरने से अनीता बेहोश हो गई थी जिसके पश्चात अस्पताल के प्रशासन ने परिजनों की सहमति के बिना ही प्रसूता को स्टेशन रोड के मित्तल अस्पताल में भर्ती करा दिया था जहां पर प्रसूता को 3 दिन तक आईसीयू रखा गया था परन्तु इतने दिन आईसीयू में रहने के बावजूद भी उसकी हालत में सुधार नहीं आया था उसके बाद प्रसूता के परिजन उसको लेकर जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था इसके पश्चात प्रसूता को बुधवार सुबह 10:00 बजे जयपुर के एसएमएस अस्पताल ले जाया गया था परंतु अस्पताल में पहुंचने से पहले ही प्रसूता ने अपनी आखिरी सांसें छोड़ दी थी।
खबरों के अनुसार निरजा अस्पताल में सामान्य प्रसव के बाद अनीता ने एक बच्ची को जन्म दिया था अनीता के जेठ सतबीर ने इस बात को बताया कि बसावा का रहने वाला बीपीएल रोशन कुमार आइसक्रीम बेचकर गुजारा चलाता था रोशन ने अपने प्लॉट को गिरवी रखकर प्रसूता का इलाज कराया 3 अस्पतालों में उपचार कराने के दौरान उनका खर्चा लगभग 4 लाख रुपये के आसपास हो गया था इसके अतिरिक्त अनीता के माता-पिता नहीं है और वह अपने सास ससुर से अलग रहते हैं इसके अलावा अनीता का भाई भी मधुमेह का मरीज है जिसकी वह वजह से वह ज्यादातर बीमार रहता है इन सभी की वजह से अब नवजात बच्ची का सही तरीके से पालन पोषण भी नहीं हो पाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि प्रसूता के परिजनों ने प्रसव के लिए निरजा अस्पताल में लाने वाली नर्स पर कमीशन लेने का गंभीर आरोप भी लगाया है परिजन पूरणमल ने इस बात को बताया कि प्रसव के दौरान अस्पताल प्रबंधक ने इलाज में लापरवाही की है और प्रसूता का हीमोग्लोबिन 8 तक होने के बावजूद भी प्रसव कराया गया और ब्लीडिंग शुरू होने की वजह से हीमोग्लोबिन महज सिर्फ 1% ही रह गया था जिसकी वजह से प्रबंधकों के हाथ पांव भूल गए थे और उन्होंने खुद की गाड़ी से दूसरे अस्पताल प्रसूता को पहुंचा दिया था।
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