इस प्रदेश में पत्नियों से सबसे ज्यादा पिटते हैं पति, चौंकाने वाली हैं पति की शिकायतें
देश में महिलाओं के साथ घर के बाहर, सड़क पर, दफ्तर में ही अपराध नहीं हो रहे। आंकड़ों की माने तो ज्यादातर महिलाओं की हालत और अपराध घरों की चारदीवारियों के भीतर हो रहे है। जहां पुरुष खुद को महिलाओं से ऊपर मानते हैं। समाज में महिलाओं के साथ मारपीट को सामान्य घटना माना जाता है, इसे अब तक सामाजिक तौर पर अपराध नहीं माना जाता। क्योंकि कई मामलों में तो महिलाएं इस बारे में शिकायत करना तो दूर किसी से जिक्र तक नहीं करती। लेकिन मध्य प्रदेश में इसके उल्टा हो रहा है। यहां महिलाओं के हाथों पतियों की पिटाई का जो आंकड़ा सामने आया है वो चौंकाने वाला है। क्योंकि यहां हर महीने लगभग 200 पत्नियां अपने पतियों को पीट रही है।
एमपी में सीएम शिवराज सिंह को मामा कहा जाता है। यानी की महिलाओं का भाई। जिनका राज प्रदेश में हैं। ऐसे में अगर किसी का भाई प्रदेश का सीएम हो तो जरा सोचिए पतियों की क्या हालत होगी। मध्य प्रदेश में एक आंकड़ा सामने आया है। जहां पति ने अपने पत्नियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। क्योंकि अब जमाना बदल रहा है। मध्य प्रदेश के आंकड़े बता रहे हैं कि महिलाओं के हाथों पिटने वाले पुरुष भी कम नहीं हैं।क्योंकि पुलिस में आए दिन ऐसी शिकायतें आ रही है।
हर महीने पीटे जा रहे हैं 200 पति
आलम ये हैं कि पति अब खुलकर पुलिस में पत्नियों के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अपराधों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के लिये ‘डायल 100’ की शुरुआत की गई है। जिसके जनसंपर्क अधिकारी की माने तो मध्यप्रदेश में औसतन हर माह 200 पतियों की शिकायत आ रही है। जो डायल 100 करके पत्नियों से पीटे जाने की बात करते हैं।
इंदौर में सबसे ज्यादा पति दुखी
प्रदेश की आर्थिक राजधानी और महानगर इंदौर इस मामले में अव्वल है। इस शहर ने जहां सफाई के मामले में देश में पहला स्थान पाया वहीं पतियों के साथ घरेलु हिंसा में जनवरी से अप्रैल 2018 तक चार माह में 72 पतियों ने पत्नियों से पीटे जाने की शिकायत की है। वहीं प्रदेश की राजधानी भोपाल के 52 पतियों ने पत्नियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। बीते चार माह में प्रदेश में ऐसी802शिकायतें दर्ज की गई है। जिनमें पतियों ने पत्नी प्रताड़ना की शिकायत दर्ज करवाई है।
पुलिस ने बनाई पतियों के लिए अलग विंग
पुलिस के पीआरओ ने बताया कि2018में‘बीटिंग हस्बैंड इवेंट’ की एक नई श्रेणी तैयार की। जिसमें पत्नियों की शिकायत शामिल है। वैसे सामान्य तौर पर घरेलू हिंसा केवल महिलाओं के साथ ही होती है, जबकि बीटिंग हस्बैंड इवेंट की श्रेणी बनने के बाद तस्वीर का दूसरा रुख भी सामने आया।
पत्नियों की पिटाई अब भी सबसे ज्यादा
ऐसा नहीं है कि यहां सिर्फ पतियों कि पिटाई हो रही है। बल्कि पत्नियों की पिटाई के मामले अब भी ज्यादा है। इस साल के शुरुआती चार महीनों में पत्नी से मारपीट की प्रदेश में 22,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं। जिनमें सबसे ज्यादा 2115 शिकायतों के साथ इंदौर सबसे आगे है। भोपाल 1546 शिकायतों के साथ दूसरे स्थान पर है।वहीं जबलपुर, ग्वालियर और छिंदवाड़ा की महिलाओं ने भी खूब शिकायतें की हैं।
पुरुष प्रधान समाज की धारणा अंत की ओर
समाज शास्त्रियों की माने तो घरेलू हिंसा का हर रूप अपने आप में निंदनीय है, सदियों से अपने अस्तित्व और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही महिलाएं अब शिक्षा, प्रचार माध्यमों और कानूनी अधिकारों की जानकारी के चलते प्रतिरोध करने लगी हैं। ऐसे में पुरुष प्रधान भारतीय समाज अपने अंत की तरफ बढ़ रहा है, क्योंकि महिलाएं अब दबकर घरों में रहना भूल रही है। वो समाज के मुताबिक आवाज उठाकर पलटवार कर रही हैं।