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भारत और कुछ महान हस्तियों के बारे में ये 5 बातें झूठ हैं, सच जानकर आपको यकीन नहीं होगा

भारत ऐसा देश है जहां बहुत से महापुरुष बसते हैं, और लोगों के मन में अवधारणा बन चुकी है कि उन्होंने जिंदगी में हमेशा अच्छे काम ही करें होंगे. उन महापुरुषों ने कुछ ऐसे काम किये हैं जिनकी वजह से लोग उनपर नाज़ करते हैं लेकिन आम जनता ये नहीं जानती कि कभी महापुरुषों ने भी अय्याशी की होगी. हो सकता है अय्याशी कुछ गलत शब्द हो लेकिन कुछ तो अलग है जो उन लोगों ने आम इंसान जैसा किया होगा. भारत और कुछ महान हस्तियों के बारे में ये 5 बातें झूठ हैं जिन पर शायद ही आप यकीन करें लेकिन ये 100 प्रतिशत सच हैं. आखिर वो महापुरुष पैदा होते तो नहीं बने होंगे ना, उनके भी कुछ शौक और सपने होंगे लेकिन देश की स्थिति के आगे उन्होंने सबकुछ न्यौछावर कर दिया.

भारत और कुछ महान हस्तियों के बारे में ये 5 बातें झूठ हैं

भारत के कुछ तथ्य सुनकर जो हर भारतीय की छाती चौड़ी हो जाती है शायद वो सच हो ही ना. चलिए बताते हैं आपको ऐसे ही कुछ वाक्या..

1. जैसा कि आपने फिल्म भाग मिल्खा भाग में देखा है कि मिल्खा सिंह साल 1960 के रोम ओलंपिक में 400 मीटर दौड़ के फाइनल में नहीं बन पाए थे. मगर सही तथ्य है कि उन्होंने पीछे देखा यह बात झूठ है, वे लाइन में पांचवें थे लेकिन बड़े प्रयासों के बाद, उन्होंने चौथा स्थान सुरक्षित किया था.

2. भारत के सबसे महान देश भक्तो मे से एक थे सुभाष चंद्र बोस, जिन्होने देश को आजाद दिलाने मे बहुत ही खास किरदार निभाया. साल 1999 की मुख़र्जी रिपोर्ट के मुताबिक, बोस प्लेन में नहीं मरे थे. कोर्ट ने इस रिपोर्ट को रिजेक्ट कर दिया और प्लेन क्रैश का भी कोई रिकॉर्ड अब तक नहीं मिला. इसके अलावा उनकी राख का कोई डीएनए भी नहीं किया गया था. तो ये बात आज तक साबित ही नहीं हुई कि नेताजी का निधन किसी प्लेन क्रेश में हुआ और जिसकी बॉडी क्रैश में पाई गई वो नेताजी की ही थी.

3. आजादी के पीछे सबसे अहम हाथ महात्मा गांधी का ही माना जाता है. गांधीजी के अंधभक्तों को लगता है कि उन्होंने सारी लड़ाई अकेले ही लड़ी थी. उनके फैंस ये सोचते है कि फिल्म में दिखाए गए दमदार डायलॉग महात्मा गांधी के द्वारा ही कही गई थी. मगर असल में वे लाइंस बेन किंसले ने लिखी थी जिसे महात्मा गांधी के किरदार ने फिल्म में बोला था.

4. क्या आप जानते हैं कि हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा नहीं है ? नहीं तो आपको बता दें कि ये सच है. दरअसल किसी भी भाषा को भारत में राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं मिला है. हिंदी को संविधान में राज भाषा कह कर संबोधित किया गया है.

5. काशी शहर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि ये दुनिया का सबसे पुराना शहर है, लेकिन ये बात पूरी तरह से सच नहीं है. ये बात सच है कि काशी दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक है लेकिन ये सबसे पुराना नहीं है. काशी यानि की बनारस के जन्म से पहले 1100 BC में दुनिया में करीब 30 शहर ऐसे थे जहां इंसान और जानवर रहते थे.

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