कभी बहुत अमीर हुआ करते थे ये 10 देश, फिर इस वजह से बन गए गरीब
किसी भी देश को अपनी अर्थी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़ी म्हणत करनी पड़ती हैं. इसमें कई सालो का समय भी लग जाता हैं. लेकिन यदि हालात आपके अनुरूप ना होतो एक अच्छा ख़ास समृद्ध देश भी कमजोर पड़ जाता हैं. ऐसे में आइए हम उन 10 देशों के बारे में जानते हैं जो पहले तो काफी अमीर हुआ करते थे लेकिन अब गरीब बन गए हैं.
थाईलैंड
वैसे तो ये देश पूरी तरह से गरीब नहीं हैं लेकिन हाँ इसकी जीडीपी वर्ल्ड एवरेज से कम हैं. फिर इसके उत्तरपूर्व और दक्षिण के इलाके ज्यादा गरीब कहे जा सकते हैं. 16वी और 17 वी शताब्दी की बात करे तो थाईलैंड का अयुथ्या साम्राज्य एक समय में इंटरनेशनल बिजनेस का मुख्य केंद्र हुआ करता था. इसका मैन बिजनेस चीन और जापान के साथ होता था. फिर फ़्रांस और पुर्तगाल से भी इसके कनेक्शन अच्छे थे. हालाँकि 18वी शताब्दी के आते आते इसकी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी. 1765 में बर्मा सेना के अटैक की वजह से अयुथ्या तबाह हो गया और थोनबुरी साम्राज्य आ गया.
माली:
ये विश्व के सबसे गरीब देशों की सूची में आता हैं. यहाँ के लोग जीवनयापन के लिए खेती करते हैं जिससे बड़ी मुश्किल से इनका गुजारा चलता हैं. हालाँकि 10 वर्ष पूर्व यहां के हालात कुछ और थे. ये एक बहुत बड़ा सम्राज्य हुआ करता था. यहां 1312-1317 तक मूसा नाम क शासक का राज था जो कि दुनियां का सबसे अमीर व्यक्ति भी था. माली में सोना बनाया जाता था और उसे मिस्र, पर्सिया, जेनेवा और वेनिस में बेचा जाता था. 16वी शताब्दी तक ये काफी अमीर देश रहा लेकिन बाद में इसकी हालत कमजोर होती चली गई.
टर्की:
इसे गरीब तो नहीं कहेंगे लेकिन बाकी यूरोपियन देशो की बजे इसकी जीडीपी कम हैं. 16वी शताब्दी की बात करे तो तब ये पश्चिमी यूरोप देशो से ज्यादा अमीर हुआ करता था. 1520-1566 के मध्य सुल्तान सुलेमान का राज था जिसके शासन में देश की धन दौलत काफी बढ़ी. फिर 1700 में यूरोप ने इसे अपने कब्जे में लिया. प्रथम विश्व युद्ध के बाद ये कमजोर पड़ा था. उस दौरान ये ओटामान साम्राज्य के नाम से जाना जाता था जो 1922 में टर्की बना.
लातिविया:
1918 में आजाद होने के बाद 1922 में लातिविया ने संविधान अपना लिया. कृषि, टिम्बर, मीट, दूध और मक्खन जैसे कारोबार की वजह से ये देश काफी अमीर हुआ करता था लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही इसकी स्थिति कमजोर हैं.
क्यूबा:
कम्युनिस्ट राज और अमेरिकी बंदिशों के चलते क्यूबा की हालत कमजोर हुई थी. 1959 के दौर में ये देश अमेरिका का सबसे ज्यादा जीडीपी वाला देश हुआ करता था. यहाँ लोगो के पास सबसे ज्यादा कारे और टेलीफोन हुआ करते थे. लेकिन बाद में बढ़ते जुए के अड्डे, अपराध, ड्रग और वैश्यावृत्ति ने इसे कमजोर कर दिया.
ईराक:
60 और 70 के दशक में ईराक विकसित देशों में शामिल था. यहाँ के तेल और गैस भंडार ने इसकी जीडीपी को 1950 तक अच्छे से बनाए रखा. लेकिन फिर 1979 में सद्दाम हुसैन के सत्ता में आने से और आठ साल पड़ोसी देश इरान से युद्ध के चलते इसकी अर्थव्यवस्था डगमगा गई. इसके बाद कुवैत और गल्फ वार से भी बुरा प्रभाव पड़ा.
जिम्बाबे:
अधिक नेचरल सोर्स और खेती की वजह से 1980 में जिम्बाबे बेहतर स्थिति में था लेकिन 1990 के बाद इसकी हालत बिगड़ना शुरू हुई. उधर 2000 में प्रेसिडेंट मुगाबे ने देश के खेतो को कस्टडी में लेने शुरू कर दिया और देश गरीबी की और बढ़ता चला गया.
नाऊरु:
उर्वरक फासफेट की वजह से 1970 में ये देश बहुत अमीर था. लेकिन बाद में ये फासफेट भंडार ख़त्म होने लगे और पैसो की जुगाड़ में ये देश कर्ज में डूबता चला गया.
वेनेजुएला:
तेल पर निर्भर रहने वाला ये देश एक ज़माने में बेहतरीन अर्थव्यवस्था वाला हुआ करता था. लेकिन इस देश की स्थिति भी तब धीरे धीरे कमजोर पढ़ने लगी, जब 2014 में कोमोडटी के दाम गिरने लगे.